कोरोना से पहले के दौर में जब चुनावी रैलियां होती थीं तो भीड़ का सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता था, मगर वर्चुअल रैलियों में एक-एक व्यक्ति का हिसाब रखना आसान हो गया है।from India TV Hindi: TopStory Feed https://ift.tt/3bVWYaI
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कोरोना से पहले के दौर में जब चुनावी रैलियां होती थीं तो भीड़ का सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता था, मगर वर्चुअल रैलियों में एक-एक व्यक्ति का हिसाब रखना आसान हो गया है।
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