नई दिल्ली: केरल के गोल्ड स्मगलिंग केस में भारतीय जनता पार्टी ने सूबे के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के इस्तीफे की मांग की है। इस मांग को लेकर विदेश एवं संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। बता दें कि इससे पहले केरल में भारतीय जनता पार्टी के एकमात्र विधायक ओ. राजगोपाल ने सीएम विजयन की इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार को पार्टी के राज्य समिति कार्यालय में एक दिन का उपवास शुरू किया था।
पहले दिन ओ. राजगोपाल ने किया उपवास
दरअसल, ये उपवास मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के इस्तीफे की मांग कर रही बीजेपी के विरोध का हिस्सा है। केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधरन और केरल के विधायक राजगोपाल के अलावा बीजेपी के कई और नेता भी एक दिन का उपवास कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि सीएम विजयन के इस्तीफे की मांग को लेकर पार्टी के नेता 1 से 18 अगस्त तक कई स्थानों पर भूख हड़ताल करेंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव ने उपवास सम्मेलन के माध्यम से उपवास का उद्घाटन किया और केरल के बीजेपी प्रमुख के सुरेंद्रन ने बैठक की अध्यक्षता की।
Delhi: MoS External Affairs & Parliamentary Affairs V.Muraleedharan holds a day-long hunger strike demanding the resignation of CM Pinarayi Vijayan, over Kerala gold smuggling case. pic.twitter.com/1d27dKjuZw
— ANI (@ANI) August 2, 2020
1 अगस्त से 18 अगस्त तक होगा उपवास
पार्टी द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक, ‘ओ. राजगोपाल 1 अगस्त को उपवास की शुरुआत करेंगे जबकि 18 अगस्त को इसका खात्मा केरल बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन के उपवास से होगा। इस बीच केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन, कुम्मनम राजशेखरन, पी. के. कृष्णदास और सीके पद्मनाभन जैसे वरिष्ठ नेता भी अलग-अलग जिलों में उपवास करेंगे।’ बयान में कहा गया है कि पार्टी की यह हड़ताल सुबह 10 बजे से 5 बजे तक चलेगी और इस दौरान विभिन्न जिलों में वर्चुअल रैलियां भी की जाएंगी।
विजयन सरकार की हो रही भारी आलोचना
गौरतलब है कि यूएई वाणिज्य दूतावास के 2 पूर्व कर्मचारियों को कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किए जाने के बाद सोने की तस्करी के मुद्दे पर विजयन सरकार की भारी आलोचना हो रही है। विपक्षी दलों का आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय इस मामले में शामिल था। हालांकि इस दावे को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है। एनआईए और सीमा शुल्क ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एम शिवशंकर से भी इस मामले में पूछताछ की गई। कुछ आरोपियों के साथ उनके कथित करीबी संपर्क की जानकारी के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।
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