
हैदराबाद: हैदराबाद के मौजूमजही मार्केट में भगत सिंह युवा सेना की ओर से लगाए गए पोस्टर को लेकर छिड़े विवाद के बाद ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन यानी जीएचएमसी ने इसे हटा दिया है। बीजेपी ने तेलंगाना की टीआरएस सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि सीएम के चंद्रशेखर राव ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सामने घुटने टेक दिए हैं। बीजेपी ने इस पूरे मामले की जांच की भी मांग की है। दरअसल, तकरीबन 3 दिन पहले हैदराबाद के मौजमजही बाजार में एक पोस्टर लगाया गया था जो बीजेपी विधायक राजा सिंह लोध के विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है।
इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी की तस्वीर है। इसमें 15 अगस्त की शुभकामनाएं दी गई है। भगत सिंह युवा शिवसेना की ओर से लगाए गए इस पोस्टर में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया गया, साथ ही यह भी लिखा गया कि 'बहरों को सुनने के लिए धमाके की जरूरत होती है'। इस पोस्टर के वहां लगाए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया।
ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के एक समर्थक अब्दुल काशिफ ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि ऐसे पोस्टर दो समुदायों के बीच घृणा पैदा कर सकते हैं इसीलिए इस पोस्टर को तत्काल हटाया जाना चाहिए। इस शिकायत के बाद पुलिस और जीएचएमसी की तरफ से कार्यवाही की गई और सोमवार को इस पोस्टर को वहां से हटा दिया गया।
@TigerRajaSingh ने हैदराबाद में आजादी की शुभकामनाएं देते हुए लगाए गए पोस्टर को हटाने पर आपत्ति दर्ज की है, मुस्लिम संगठनों ने इस पोस्टर को दो समुदायों के बीच द्वेष बढ़ाने वाला कहा जिसके बाद @GHMCOnline ने इस पोस्टर को हटा दिया @indiatvnews@aimim_national pic.twitter.com/z3RbLLRCUD
— T Raghavan (@NewsRaghav) August 11, 2020
मजलिस बचाओ तहरीक के अध्यक्ष अमजदुल्लाह ने इस पोस्टर को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पोस्टर लगाने वाले की नीयत ठीक नहीं है। ये लोग दो समुदायों के बीच ईर्ष्या पैदा करना चाहते हैं जबकि बीजेपी ने इस पोस्टर को हटाए जाने का पुरजोर विरोध किया है। बीजेपी नेता और गोशामहल विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजा सिंह ने कहा कि पोस्टर में स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर बनाने का रास्ता दिखाया है इसके लिए उनका धन्यवाद किया गया है और जो नारा पोस्टर में लिखा गया है, जिसको लेकर कथित रूप से विवाद हो रहा है, वह भगत सिंह ने आजादी की लड़ाई लड़ते समय जेल के अंदर से कहा था इसीलिए भगत सिंह के नारे को पोस्टरों में लिखना किसी भी तरह से अनुचित नहीं है।
बहरहाल पुलिस और जीएचएमसी ने किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए इस पोस्टर को हटवा दिया है। पुलिस का कहना है कि 15 अगस्त के मद्देनजर दंगा फसाद को लेकर अलर्ट जारी हुआ है। ऐसे में पुलिस उपद्रवियों को कोई भी अवसर नहीं देना चाहती।
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