Wednesday, August 12, 2020

टैक्‍स प्रणाली को सीमलेस, पेनलेस और फेसलेस बनाने की कोशिश, पीएम मोदी ने कम आयकरदाताओं की संख्‍या पर जताई च‍िंंता

PM says number of tax payers in the country is very small percentage of total population Image Source : ANI

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये पारदर्शी कराधान- ईमानदार का सम्मान मंच की शुरूआत करते हुए कहा कि अब देश में कर प्रणाली फेसलेस हो रही है, यह करदाता के लिए निष्पक्षता और एक भरोसा देने वाला कदम है। मोदी ने घोषणा की कि कर मामलों में बिना आमना-सामना के अपील (फेसलेस अपील) की सुविधा 25 सितंबर यानी दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध होगी।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हमारी टैक्स प्रणाली सीमलेस हो, पेनलेस हो और फेसलेस हो। सीमलेस यानि टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन, हर टैक्सपेयर को उलझाने के बजाये समस्या को सुलझाने के लिए काम करे। पेनलेस s यानि टेक्नॉलॉजी से लेकर नियमों तक सबकुछ आसान हो। प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में Tax भी कम किया गया है। 5 लाख रुपए की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है। कॉरपोरेट टैक्‍स के मामले में हम दुनिया में सबसे कम टैक्‍स लेने वाले देशों में से एक हैं। अभी तक होता ये है कि जिस शहर में हम रहते हैं, उसी शहर का टैक्स डिपार्टमेंट हमारी टैक्स से जुड़ी सभी बातों को हैंडल करता है। स्क्रूटनी हो, नोटिस हो, सर्वे हो या फिर ज़ब्ती हो, इसमें उसी शहर के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की, आयकर अधिकारी की मुख्य भूमिका रहती है।

अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर के सम्‍मान का, संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा।

 

पीएम मोदी ने कहा कि अब टैक्सपेयर की बात पर विश्वास करना होगा, डिपार्टमेंट उसको बिना किसी आधार के ही शक की नज़र से नहीं देख सकता। वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 प्रतिशत की स्क्रूटनी होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 प्रतिशत पर आ गया है। यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है। स्क्रूटनी का 4 गुना कम होना, अपने आप में बता रहा है कि बदलाव कितना व्यापक है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा बीते 6 वर्षों में भारत ने टैक्‍स प्रशासन में गवर्नेंस का एक नया मॉडल विकसित होते देखा है। इन सारे प्रयासों के बीच बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है। इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं। जो टैक्स देने में सक्षम हैं, लेकिन अभी वो टैक्स नेट में नहीं है, वो स्वप्रेरणा से आगे आएं, ये मेरा आग्रह है और उम्मीद भी। आइए, विश्वास के, अधिकारों के, दायित्वों के, प्लेटफॉर्म की भावना का सम्मान करते हुए, नए भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का ईमानदार करदाता राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है, जब देश के ईमानदार करदाता का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है। आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं न्यूनतम सरकार, कारगर शासन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है, ये देशवासियों के जीवन में सरकार के दखल को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कम से कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हों तो करदाता भी खुश रहता है, बीते कुछ समय से यही काम किया जा रहा है।



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