नोएडा। साइबर अपराधियों ने अब अपना नया शिकार उन कर्मचारियों को बनाया है, जो हाल ही में अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए हैं और जिन्हें लाखों रुपए का फंड हासिल हुआ है। सरकार ने भी लोगों को सलाह दी है कि वह ऐसे किसी भी अनजान फोन कॉल, एसएमएस या ई-मेल का जवाब देने से बचें। साथ ही फोन पर किसी को भी अपने बैंक डिटेल्स, खाता संख्या, पासवर्ड और ओटीपी आदि साझा करने से बचें। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से सामने आया है, जहां उत्तर प्रदेश पीएसी से सेवानिवृत्त हुए रविंद्र कुमार शर्मा को अपनी जीवनभर की कमाई से हाथ धोना पड़ा है। अब वह योगी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
रविंद्र कुमार ने बताया कि वह 31 मार्च, 2020 को पीएसी से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद 22 जून को उनके पास एक फोन आया। फोन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह ट्रेजरी कार्यालय से बोल रहा है और पीपीओ बनाने के लिए कुछ जानकारी चाहिए। कुछ जानकारी बताने के बाद रविंद्र कुमार को कुछ शक हुआ, लेकिन तबतक देर हो चुकी थी।
उसी दिन अमीनगर सराय स्थित एसबीआई शाखा में जाकर रविंद्र ने खाते में जमा 20 लाख रुपए की एफडी करा दी लेकिन अपने खाते को होल्ड कराना भूल गए। इसके बाद जब दोबारा 17 जुलाई को खाता चेक किया गया तो उसमें कोई राशि शेष नहीं थी। साइबर अपराधियों ने छोटी-छोटी राशि के रूप में कुल 31,10490 रुपए को ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के माध्यम से निकाल लिया था।
बैंक अधिकारियों ने बताया कि फोन पर दी गई जानकारी का उपयोग कर अपराधियों ने नई नेट बैंकिंग आईडी बनाकर खाते से 11,10490 रुपए विभिन्न तरीकों से निकाल लिए। इसके लिए रविंद्र के फोन पर कोई मैसेज या ओटीपी भी नहीं आया। संभवत: अपराधियों ने नई नेट बैंकिंग आईडी में अन्य फोन नंबर का इस्तेमाल किया था।
इतना ही नहीं साइबर अपराधियों ने 20 लाख रुपए की एफडी को ओडी बनाकर उससे भी पूरे पैसे निकाल लिए। इस मामले की बागपत साइबर सेल में रिपोर्ट की गई है। पीडि़त ने जिंदगी भर अपनी जान दांव पर लगाकर राज्य के लोगों की सुरक्षा की और अब वह खुद अपने पैसे वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहा है।
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