Sunday, August 9, 2020

UGC Guidelines 2020 Live Updates: फाइनल ईयर की बची हुई परीक्षाएं होंगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई

ugc final year examination supreme court hearing decision today Image Source : INDIA TV

नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने देशभर के विश्वविद्यालयों को अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करवाने का निर्देश दिया था. इसके लिए दिशानिर्देश भी जारी कर दिए गए थे जिसका कई राज्य विरोध कर रहे हैं। यूजीसी के फैसले का 31 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर विरोध किया है। छात्रों की दलील है कि कोरोना संकट काल में हर जगह हर छात्र के लिए परीक्षाओं में शामिल हो पाना संभव नहीं है। इस मामले पर सोमवार यानि आज  सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में यूजीसी का प्रतिनिधित्व कर रहे है। महाराष्ट्र और दिल्ली सरकारों के जवाबों पर सवाल उठाते हुए एससी मेहता ने कहा  है कि यूजीसी  डिग्री प्रदान करने वाला एकमात्र निकाय है और ऐसे राज्यों में परीक्षा रद्द नही किया जा सकता है और यूजीसी को डिग्री देने की उम्मीद की जा सकती है। एसजी मेहता महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार द्वारा दायर हलफनामों का जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहते हैं। कल तक जवाब दाखिल किया जा सकता है।

SC में पिछली UGC सुनवाई के दौरान क्या हुआ था

  • शीर्ष अदालत ने 31 जुलाई को पिछली सुनवाई के दौरान किसी भी अंतरिम आदेश को पारित करने से इनकार कर दिया था। हालांकि, इसने इस मुद्दे पर गृह मंत्रालय (MHA) के रुख को स्पष्ट करने के लिए केंद्र से कहा था।

  • यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि किसी को भी इस धारणा के अधीन नहीं रहना चाहिए कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे की जांच कर रहा है, इसलिए अंतिम वर्ष / सेमेस्टर परीक्षा पर रोक रहेगी।

  • न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ और जिसमें जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह शामिल थे, को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र और यूजीसी को सूचित करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर एमएचए के रुख के बारे में अदालत को अवगत कराएंगेएससी मेहता ने अदालत से कहा था कि वे केवल अंतिम वर्ष की परीक्षा से संबंधित हैं और देश के 800 से अधिक विश्वविद्यालयों में से 209 ने परीक्षाएं पूरी कर ली हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 390 विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित करने की प्रक्रिया में हैं।

  • सुनवाई के दौरान, अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने असम और बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में छात्रों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया।

  • पीठ ने महाराष्ट्र के वकील से कहा कि वह राज्य आपदा प्रबंधन समिति के 19 जून के आदेश को इस संबंध में पारित करे।

  • सुनवाई के दौरान यूजीसी एवं सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कहा था कि गृह मंत्रालय का मामले से सम्बन्धित पक्ष रखने के लिए 7 अगस्त 2020 तक एफिडेविट दाखिल करें।

यूजीसी ने अंतिम वर्ष की परीक्षायें आयोजित करने संबंधी छह जुलाई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 50 पेज का हलफनामा न्यायालय में दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि इस साल जून में कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुये उसने विशेषज्ञ समिति से 29 अप्रैल के दिशा-निर्देशों पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था। अप्रैल के दिशानिर्देशों में विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से कहा गया था कि वे अंतिम वर्ष की परीक्षायें जुलाई, 2020 में आयोजित करें।

 



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