भारतीय वायुसेना के लिए गेम चेंजर माने जा रहे राफेल विमान आज भारत आ रहे हैं। इस मौके पर जहां पूरा देश राफेल के अंबाला एयरबेस पर राफेल की लैंडिंग का इंतजार कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने करीब एक साल बाद एक बार फिर राफेल राग शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनावों के राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों की तर्ज पर कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर राफेल की कीमतों के बारे में सरकार से पूछा है।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर पूछा कि एक राफ़ेल की क़ीमत कांग्रेस सरकार ने 746 करोड़ रुपए तय की थी, लेकिन “चौकीदार” महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मॉंग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी!! “चौकीदार” जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!
एक राफ़ेल की क़ीमत कॉंग्रेस सरकार ने ₹७४६ तय की थी लेकिन “चौकीदार” महोदय कई बार संसद में और संसद के बाहर भी मॉंग करने के बावजूद आज तक एक राफ़ेल कितने में ख़रीदा है, बताने से बच रहे हैं। क्यों? क्योंकि चौकीदार जी की चोरी उजागर हो जायेगी!! “चौकीदार” जी अब तो उसकी क़ीमत बता दें!!
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 29, 2020
आ रहा है वायुसेना का 'गेम चेंजर'
देश के सबसे पुराने एयरबेस अंबाला में भारतीय वायुसेना के लिए 'गेम चेंजर' माना जानेवाला राफेल विमान बुधवार को लैंड करनेवाला है। राफेल विमान लंबे इंतजार के बाद वायुसेना के बेड़े शामिल होनेवाला है। फ्रांस के बंदरगाह शहर बोर्डेऑस्क में मैरीग्नेक वायुसेना अड्डे से इन विमानों ने सोमवार को उड़ान भरी थी। ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अंबाला वायुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि पांच राफेल विमान सोमवार की शाम को करीब सात घंटों की उड़ान के बाद संयुक्त अरब अमीरात के अल दाफरा हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि फ्रांस से भारत आ रहे इन लड़ाकू विमानों के लिये यही एक स्टॉपेज था। राफेल विमान उस गोल्डन एरोज स्क्वॉड्रन का हिस्सा होगा जिसकी कमान 1999 कारगिल युद्ध के दौरान पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने संभाली थी।
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