इस्लामाबाद: फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप भारत पहुंचते ही पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों से कहीं ज्यादा हथियार जुटाने में लगा हुआ है। एक साप्ताहिक प्रेस वार्ता में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने विश्व समुदाय से गुहार लगाते हुए भारत के हथियारों के निर्माण और संयोजन को रोके जाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इससे दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ बढ़ सकती है।
‘यह परेशान करने वाली बात है कि...’
आइशा ने कहा, ‘यह परेशान करने वाली बात है कि भारत अपनी वास्तविक रक्षा जरूरतों से परे सैन्य क्षमताओं को हासिल करना जारी रखे हुए है। विश्वसनीय और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों के अनुसार, भारत अब दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक है।’ नियंत्रण रेखा (LoC) के पास गोलाबारी और टकराव के बीच भारत पहुंचे राफेल ने पाकिस्तान के लिए बेचैनी पैदा कर दी है। पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने पहले भी भारत की ओर से हथियारों के संयोजन पर रोना रोता रहा है। उसका कहना है कि यह दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है।
सीधी लड़ाई में निर्णायक साबित होगा राफेल
दरअसल, राफेल लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के दोहरे मोर्चे पर सीधी लड़ाई में निर्णायक साबित तो हो ही सकता है, साथ ही वह गैर पारंपरिक तरीके से भी छिपकर युद्ध कर रहे दुश्मन की मांद में घुसकर उसे नेस्तनाबूद करने की भी क्षमता रखता है। 5 राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप 29 जुलाई को हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर पहुंच चुकी है। यह भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है और माना जा रहा है कि इससे भारतीय वायु सेना की ताकत में काफी इजाफा होगा। भारत में इस आमद के बाद पाकिस्तान ने हायतौबा मचाना शुरू कर दिया है।
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