नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की लगातार हो रही हार की वजह से पार्टी के कई नेता हार के लिए सहयोगी दलों को जिम्मेदार मान रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता और पंजाब की आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट से सांसद मनीष तिवारी ने एक के बाद एक चार सवाल करते हुए पूछा है कि क्या 2014 में हुई पार्टी की हार के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) जिम्मेदार है। मनीष तिवारी ने यह भी कहा कि 2019 में हुई पार्टी की हार का भी विश्लेषण किया जाना चाहिए।
मनीष तिवारी ने अपने ट्वीट संदेश में पूछे गए 4 सवालों में कहा कि क्या 2014 में कांग्रेस पार्टी की हार के लिए UPA जिम्मेदार है, क्या UPA के अंदर ही किसी ने धोखा दिया है, 2019 में हुई हार का भी विश्लेषण किया जाना चाहिए और पिछले 6 वर्ष के दौरान UPA को कटघरे में खड़ा नहीं किया गया है। शुक्रवार को मनीष तिवारी ने जो 4 सवाल किए हैं वह एक अखबार में छपे एक आर्टिकल की प्रतिक्रिया में किए हैं। आर्टिकल में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और युवा नेताओं के बीच की दरार को बताया गया है।
मनीष तिवारी का यह बयान ऐसे समय में आ रहा है जब बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और वहां पर भाजपा के नेतृत्व वाले NDA तथा कांग्रेस के नेतृत्व वाले UPA में मुकाबला है। हालांकि बिहार में कांग्रेस बड़ा दल नहीं है और उसे वहां पर राष्ट्रीय जनता दल की शर्तों पर चुनाव लड़ना होगा लेकिन चुनाव से ठीक पहले अपने सहयोगी दलों को हार के लिए कटघरे में खड़ा करना कई सवालों को जन्म देता है।
UPA के कार्यकाल में मनीष तिवारी केंद्रीय मंत्री भी थे और उनकी गिनती सरकार के तेज तर्रार वक्ताओं में भी होती थी। लेकिन 2014 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था और 2019 में अपनी सीट बदलकर लुधियाना की जगह श्री आनंदपुर साहिब से मैदान में उतरे थे।
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