नई दिल्ली: अयोध्या में कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का शिलान्यास करेंगे जिसके बाद मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर जहां पूरे देश में खुशी की लहर है और लोग उत्साहित है वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने इसके मुहूर्त को लेकर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि शिलान्यास ज्योतिष शास्त्र की स्थापित मान्यताओं के विपरीत हो रहा है।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ''आज अयोध्या जी में भगवान रामलला के मंदिर का “शिलान्यास” वेद द्वारा स्थापित ज्योतिष् शास्त्र की स्थापित मान्यताओं के विपरीत हो रहा है, हे प्रभु हमें क्षमा करना। यह निर्माण निर्विघ्न रूप से पूरा हो यही हमारी आप से प्रार्थना है। जय सिया राम।''
आज अयोध्या जी में भगवान रामलला के मंदिर का “शिलान्यास” वेद द्वारा स्थापित ज्योतिष् शास्त्र की स्थापित मान्यताओं के विपरीत हो रहा है, हे प्रभु हमें क्षमा करना। यह निर्माण निर्विघ्न रूप से पूरा हो यही हमारी आप से प्रार्थना है। जय सिया राम। #राम_मंदिर_निर्माण_मुहूर्त
— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 5, 2020
बता दें कि इससे पहले सिंह ने 5 अगस्त को अशुभ मुहूर्त होने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिलान्यास को टालने की अपील की थी। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा था, "भगवान राम करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र हैं और हजारों वषों की हमारे धर्म की स्थापित मान्यताओं के साथ खिलवाड़ मत करिए। मैं मोदी जी से फिर अनुरोध करता हूं कि 5 अगस्त के अशुभ मुहुर्त को टाल दीजिए। सैंकड़ों वषों के संघर्ष के बाद भगवान राम मंदिर के निर्माण का योग आया है अपनी हठधर्मीता से इसमें विघ्न पड़ने से रोकिए।"
कोरोनावायरस से भाजपा के कई नेताओं के संक्रमित होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि इन हालातों में क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री को क्वारंटीन नहीं होना चाहिए? क्या क्वारंटीन में जाने की बाध्यता केवल आम जनता के लिए है? प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री के लिए नहीं है? क्वारंटीन की समय सीमा 14 दिवस की है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती द्वारा पूर्व में दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा था, "5 अगस्त को भगवान राम के मंदिर शिलान्यास के अशुभ मुहुर्त के बारे में विस्तार से जगद्गुरू स्वामी स्वरूपानंद महाराज ने सचेत किया था। मोदी जी की सुविधा पर यह अशुभ मुहुर्त निकाला गया। यानि मोदी जी हिंदू धर्म की हजारों वषों की स्थापित मान्यताओं से बड़े हैं!! क्या यही हिंदुत्व है?"
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