वॉशिंगटन: अमेरिका की योजना भारत में हथियारों की बिक्री बढ़ाने की है। मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन हथियारों में सशस्त्र ड्रोन भी शामिल हैं, जो 1000 पौंड से अधिक बम और मिसाइल ले जा सकते हैं। भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद यह कदम काफी मायने रखता है। भारतीय सेना के 20 जवान 15 जून को हुई झड़प में शहीद हो गए थे। चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे, लेकिन उसने इसकी आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं दी है।
‘फॉरेन पॉलिसी’ पत्रिका ने अमेरिकी अधिकारियों और संसद के सहयोगियों के इंटरव्यू के आधार पर एक रिपोर्ट में कहा, ‘ट्रंप का प्रशासन भारत और चीन के बीच सीमा पर हिंसक झड़प के मद्देनजर भारत में हथियारों की बिक्री बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिससे वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच तनाव का एक और मुद्दा खड़ा हो गया जाएगा।’ पत्रिका ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि अमेरिका ने हाल के महीनों में भारत को नए हथियारों की बिक्री की योजना तैयार की है, ‘जिसमें सशस्त्र ड्रोन जैसी उच्च स्तर की हथियार प्रणाली और उच्च स्तर की प्रौद्योगिकी शामिल हैं।’
ट्रंप ने आधिकारिक रूप से उन नियमों में संशोधन किया है, जो भारत जैसे विदेशी भागीदारों के लिए सैन्य-स्तर ड्रोन की बिक्री को प्रतिबंधित करते थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे अमेरिका को सशस्त्र ड्रोन की बिक्री पर विचार करने की अनुमति मिलेगी, जो पहले उनकी गति और पेलोड के कारण प्रतिबंधित था। मामले से अवगत एक सांसद ने ‘फॉरेन पॉलिसी’ से कहा, ‘वे भारत को सशस्त्र (श्रेणी-1) प्रीडेटर्स मुहैया कराने वाले हैं।’ उन्होंने बताया कि ‘एमक्यू-1 प्रीडेटर ड्रोन’ 1000 पौंड से अधिक बम और मिसाइल ले जा सकता है।
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