मॉस्को: रूस से कोरोना वायरस वैक्सीन से जुड़ी एक अच्छी खबर आई है। देश के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा है कि कोरोना वायरस के लिए बनाई जा रही वैक्सीन का ट्रायल पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि ट्रायल पूरा होने के बाद अब यह वैज्ञानिकों के ऊपर है कि वे वैक्सीन को बाजार में कब लाते हैं। बता दें कि गामालेया इंस्टीट्यूट द्वारा बनाई गई इस वैक्सीन के 10 अगस्त तक बाजार में आने का दावा किया जा रहा था। इसके अलावा अब सितंबर से इसके प्रॉडक्शन की बात कही जा रही है।
‘फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर्स को प्राथमिकता’
बता दें कि मॉस्को स्थित गामालेया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने पिछले महीने दावा किया था कि वे अगस्त के मध्य तक कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन को मंजूरी दे सकते हैं। रूसी अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने कहा था कि वे वैक्सीन की मंजूरी के लिए 10 अगस्त या उससे पहले की तारीख पर काम कर रहे हैं। इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन की उपलब्धता के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थवर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी।
रूसी वैक्सीन पर सवाल भी उठ रहे हैं
हालांकि ऐसी बात नहीं है कि वैक्सीन के बारे में सबकुछ शानदार ही सुनने को मिल रहा है। रूस की इस वैक्सीन को लेकर दुनिया के तमाम वैज्ञानिक आशंकित हैं क्योंकि उसने अभी तक वैक्सीन के ट्रायल का कोई डेटा जारी नहीं किया है। ऐसे में यह पता करना ही मुश्किल है कि आखिर यह कितनी असरदार है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि वैक्सीन जल्दी बाजार में लाने के लिए राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है, तो कुछ इसके अधूरे ह्यूमन ट्रायल को भी सवालों के घेरे में रख रहे हैं। अब देखना है कि रूस की यह वैक्सीन बाजार में आने के बाद कोरोना वायरस पर कितनी असरदार साबित होती है।
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