अपने दैनिक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलने वाले राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम पर वीडियो के रूप में प्रहार किया है। राहुल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वीडियो जारी कर कहा कि पीएम का 100% ध्यान अपनी स्वयं की छवि बनाने पर केंद्रित हैं। अपने ट्वीट में राहुल ने सरकारी एजेंसियों को भी पीएम के कब्जे में बताया। राहुल ने कहा है कि सरकार के कब्जे वाले संस्थान पीएम की छवि निर्माण के कार्य को करने में व्यस्त हैं। एक व्यक्ति की छवि एक राष्ट्रीय दृष्टि का विकल्प नहीं है।
राहुल गांधी ने 2.04 मिनट के वीडियो में कहा कि भारत को अपनी सोच बदलनी होगी। उन्होंने कहा कि चीन से मुकाबला करने के लिए देश को मनोवैज्ञानिक रुप से मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि चीन से मुकाबला करने के लिए भारत के पास अपना राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि ग्लोबल दृष्टिकोण होना बहुत जरूरी है। लेकिन देश के प्रधानमंत्री के पास अपना कोई दृष्टिकोण ही नहीं है। चीन इसी का फायदा उठा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सीमा विवाद का समाधान कर सकते हैं लेकिन हमें अपनी एप्रोच बदलनी होगी। राहुल ने कहा कि मेरी चिंता यही है। हम आपस में ही लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री के पास एक विजन होना चाहिए, लेकिन उनके पास कोई विजन नहीं है।
PM is 100% focused on building his own image. India’s captured institutions are all busy doing this task.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 23, 2020
One man’s image is not a substitute for a national vision. pic.twitter.com/8L1KSzXpiJ
इससे पहले भी राहुल गांधी ने इसी सप्ताह चीनी संकट के बीच पीएम मोदी पर छवि निर्माण करने का आरोप लगाया था। राहुल गांधी ने दावा किया था कि बीजिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव बनाने के लिए उनकी 56 इंच वाली छवि पर हमला कर रहा है और प्रधानमंत्री भी दबाव में आकर अपनी छवि बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह सवाल भी किया कि क्या प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट करेंगे कि उन्हें अपनी छवि की चिंता नहीं है और वह चीनी चुनौती को स्वीकार करते हैं?
राहुल गांधी ने एक वीडियो जारी कर चीन के साथ मौजूदा गतिरोध को लेकर कहा, ‘‘यह साधारण सीमा विवाद नहीं। मेरी चिंता है कि चीनी आज हमारे इलाके में बैठे हैं। सवाल यह है कि चीन की सामरिक रणनीति क्या है? चीनी बगैर रणनीतिक सोच के कोई कदम नहीं उठाते।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘चीन ने दिमाग में संसार का नक्शा खींचा हुआ है, जिसे वह अपने हिसाब से आकार देने की कोशिश कर रहा है। उसी के तहत ग्वादर आता है, उसी में बेल्ट एंड रोड आता है। यह इस धरती की पुनर्रचना करने का प्रयास है। इसलिए जब आप चीनियों के बारे में सोचें तो आपको यह समझना होगा कि वह किस स्तर पर सोच रहे हैं।’’
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘चाहे यह गलवान हो, डेमचोक हो या फिर पेंगोंग झील, उनका इरादा अपनी स्थिति को मजबूत करना है। वो हमारी सड़क से परेशान हैं, वो हमारे राजमार्ग को निरर्थक करना चाहते हैं। वो पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर में कुछ करने की सोच रहे हैं।’’ उनके मुताबिक, यह साधारण सीमा विवाद भर नहीं है, बल्कि यह सुनियोजित सीमा विवाद है, जिसका मकसद भारतीय प्रधानमंत्री पर दबाव बनाना है।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘चीनी एक खास तरीके से दबाव बनाने के बारे में सोच रहे हैं। वे उनकी छवि पर हमला कर रहे हैं। वे समझते हैं कि नरेंद्र मोदी को प्रभावी नेता बनने के लिए, एक राजनीतिज्ञ के रूप में बने रहने के लिए अपनी 56 इंच वाली छवि की रक्षा करना जरूरी होगा। यही वह असली जगह है, जहां चीन वार कर रहा है।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘वे मूलतः नरेंद्र मोदी जी को कह रहे हैं कि यदि आप वह नहीं करेंगे जो चीन चाहता है, तो वे नरेंद्र मोदी की मजबूत नेता वाली छवि को ध्वस्त कर देंगे।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘नरेंद्र मोदी क्या प्रतिक्रिया देंगे? क्या वह उनका सामना करेंगे? क्या वह चुनौती स्वीकार करेंगे? क्या वह कहेंगे कि मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं, मैं अपनी छवि की चिंता नहीं करता, मैं तुम्हारा मुकाबला करूंगा या वो उनके सामने हथियार डाल देंगे?’’
गांधी ने कहा, ‘‘चिंता यह है कि प्रधानमंत्री दबाव में आ गए हैं। आज चीनी हमारे इलाके में बैठे हैं और प्रधानमंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि वे नहीं बैठे। इससे मुझे लगता है कि वह (प्रधानमंत्री) अपनी छवि को लेकर चिंतित हैं और अपनी छवि बचाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘यदि प्रधानमंत्री चीनियों को यह समझने का मौका देते हैं कि छवि की चिंता में उन्हें चंगुल में लिया जा सकता है तो भारतीय प्रधानमंत्री देश के लिए किसी काम के नहीं रहेंगे।’’
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