नई दिल्ली। पूरी दुनिया में अपनी कंपनी Huawai के जरिए 5G टेक्नोलॉजी में छाने का जो सपना चीन देख रहा है वह सपना अब टूटता हुआ नजर आ रहा है। जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन भी Huawai पर प्रतिबंध लगा सकता है। अगर ऐसा होता है तो चीन के लिए यह बड़ा झटका होगा। ब्रिटेन के अलावा यूरोपियन यूनियन के कई देश भी Huawai के खिलाफ सुर उठा रहे हैं। दरअसल चीन पर आरोप लगता रहै है कि वह अपनी टेलिकॉम कंपनी Huawai के जरिए दुनिया के दूसरे देशों की जासूसी कर सकता है। और कई देशों ने इसको लेकर आवाज उठाई है।
भारत के साथ सीमा पर उलझकर चीन ने बड़ी गलती कर दी है और दुनियाभर में कई देश अब चीन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। भारत ने पहले चीन की कंपनी Huawai को आंशिक मंजूरी दी थी, लेकिन सीमा विवाद के बाद चीनी कंपनियों के लिए भारत के रास्ते लगभग बंद हो चुके हैं और भारत ने भी चीन की 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं।
पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैलाने को लेकर चीन पहले से ही कटघरे में हैं और उसके ऊपर और आरोप लग रहे हैं कि वह अपनी कंपनियों के जरिए दुनिया के दूसरे देशों की जासूसी करता है। Huawai के अलावा एक और चीनी कंपनी ZTE Corporation के खिलाफ भी दुनियाभर में आवाज उठ रही है। अमेरिका ने इन दोनो कंपनियों को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
चीन अपनी टेलिकॉम कंपनी Huawai और ZTE कार्पोरेशन के जरिए 5G टेक्नोलॉजी मं पूरी दुनिया में छाने का सपना देख रहा था और टेक्नोलॉजी में अमेरिकी कंपनियों की बादशाहत को चुनौती देने की फिराक में था। लेकिन भारत से साथ उलझकर उसने पहले ही अपने लिए भारतीय बाजार के दरवाजे बंद कर लिए हैं, ब्रिटेन अगर उसकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाता है तो उसके लिए पूरे यूरोप के बाजार भी बंद होना शुरू हो सकते हैं। अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया पहले ही उसकी कंपनियों के खिलाफ आ चुके हैं और दुनिया के कई अन्य देश चीन से आए कोरोना वायरस की वजह से परेशान हैं। ऐसे आने वाले दिनों में चीन के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
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