बिहार में जारी कोरोना संकट के बीच नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल से अस्पताल में अफरातफरी मच गई है। सैलरी बढ़ाने, नियमित छुट्टियां और मेडिकल सुविधाओं जैसी मांगों को लेकर 700 नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर चला गया है। इस बीच अव्यवस्था बढ़ने के चलते अस्पताल प्रशासन बैकफुट पर दिखाई दे रहा है। एम्स प्रशासन हड़ताली नर्सों को मनाने में जुटा है। फिलहाल दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है। कोरोना काल में इस हड़ताल ने पटना समेत पूरे राज्य में परेशानी बढ़ा दी है। आपको बता दें कि पटना एम्स पूरी तरह से कोविड अस्पताल बनाया जा चुका है।
बता दें कि 18 जुलाई को इन नर्सिंग स्टाफ ने अपनी इन मांगों को संबंध में एम्स प्रशासन को ज्ञापन दिया था। मांगे नहीं माने जाने पर आज से आउटसोर्सिंग के तहत एक कंपनी के माध्यम से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे सभी लगभग 700 नर्सिंग स्टाफ हड़ताल पर चले गए हैं। बताया जा रहा है कि सारे स्टाफ इधर उधर हैं, एक जगह भीड़ नही है। पुलिस ने सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रखने पर कारवाई करने की घोषणा कर रही है।
क्या है हड़ताली कर्मियों की मांग
इनकी मांग वेतन में बढ़ोतरी और बाकी स्टाफ की तरह ही परमानेंट नौकरी की है। इन स्टाफ ने लिखित मांग की है कि कोरोना काल में नर्सिंग स्टाफ ने अभी तक बड़ा योगदान दिया है और ऐसे में इनका कोई भी साथी बीमार होता है तो उसे परमानेंट स्टाफ की तरह ही मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए। समान कार्य समान वेतन के केंद्र सरकार के नियम एवं नीतियों को देखते हुए इनकी सैलरी को भी बढ़ाया जाए। इसके अलावा इनकी कुछ और मांगें भी हैं।
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