कोरोना संकट से जूझ रहे देश की निगाहें अब पटना के ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) पर टिक गई हैं। सोमवार 13 जुलाई से पटना एम्स में कोरोना की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि अस्पताल प्रशासन ने 18 वॉलेंटियर्स को इस ह्यूमन ट्रायल में शामिल होने के लिए चुना है। इससे पहले एम्स ने पटना के लोगों से इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदन करने के लिए कहा था। जिसमें सैकड़ों की संख्या में आवेदन पहुंचे थे।
एम्स प्रशासन के अनुसार कई लोगों ने इस ह्यूमन ट्रायल में शामिल होने की इच्छा जताई थी। लेकिन एम्स ने 18 लोगों को इस ट्रायल के लिए चयनित किया है। इन सभी की उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच है। एम्स के मुताबिक चयनित वॉलेंटियर्स को पहले मेडिकल जांच से गुजरना होगा। यह जांच सोमवार को होगी। इसी जांच के आधार पर ट्रायल की आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आइसीएमआर व भारत बायोटेक द्वारा निर्मित वैक्सीन का मानव परीक्षण के लिए एम्स पटना में 5 विशेषज्ञों की टीम गठित की गई। जो इस परीक्षण की पूरी तरह निगरानी करेंगे।
आईसीएमआर की गाइडलाइंस के अनुसार, वैक्सीन की पहली डोज़ सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाएगी जिनकी रिपोर्ट ठीक आएगी। पहली डोज के बाद मरीजों को 2 से 3 घंटों तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें घर भेज दिया जाएगा। ट्रायल की प्रक्रिया पूरी करने के लिए मरीजों को इंजक्शन की कुल तीन डोज दी जाएंगी।
बता दें कि आईसीएमआर द्वारा पटना एम्स के अलावा देश के 12 संस्थानों में कोरोना वैक्सीन के लिए इस प्रकार का ह्यूमन ट्रायल किया जा रहा है।
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