पटना: बिहार के गोपालगंज जिले में बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में छपरा-सत्तर घाट मुख्य पथ को जोड़ने वाले पुल का एक हिस्सा ढह जाने की खबर को नीतीश सरकार के मंत्री ने झूठा बताया है। सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग ने ट्वीट किया कि मीडिया में सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है।
सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है । इस कारण पुल के पहुँच का सड़क का हिस्सा कट गया है।
आईपीआरडी ने ट्वीट किया, "यह अप्रत्याशित पानी के दबाब के कारण हुआ है। इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है। मुख्य सत्तर घाट पुल जो 1.4 किमी लंबा है बह पूर्णतः सुरक्षित है। पानी का दबाव कम होते ही यातायात चालू कर दिया जाएगा।"
मीडिया में सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है। इस मामले में सही तथ्य निम्नवत है।@RCD_Bihar pic.twitter.com/NJ1IivYvuy
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) July 16, 2020
इस हादसे पर बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि सत्तर घाट का पुल बिल्कुल सुरक्षित है। बांध के अंदर एक पुल है, जिसका सिर्फ अप्रोच रोड बह गया है। यह प्राकृतिक आपदा है। तेजस्वी यादव के आरोपों पर नंद किशोर यादव ने कहा कि मैं कभी साइकिल पर नहीं चला। स्कूटर से चलता था।
बता दें कि 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गोपालगंज के इस पुल का उद्घाटन किया था। 15 जुलाई को यह पानी का ज्यादा दबाव नहीं झेल पाया और टूट गया। ये पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था। पुल टूटने की वजह से लालछापर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया का संपर्क टूट गया है।
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