महाराष्ट्र कांग्रेस के कद्दावर नेता संजय निरुपम ने खुद पर कार्रवाई की खबरों के बीच एक बड़ा खुलासा किया है। खुद को पार्टी से निकाले जाने की खबरों के बीच निरुपम ने उस कारण का खुलासा किया है जिसके कारण मुंबई कांग्रेस के नेता उन पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मैं एक शिवसेना नेता के भूमि घोटाले की जांच चाहता था, जो राज्य के मुख्यमंत्री की दौड़ में भी शामिल थे। उन्होंने आरोप लगाया कि क्या शिवसेना के खिलाफ बोलना पार्टी गतिविधि है? साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या मुंबई कांग्रेस का शिवसेना में विलय हो गया है?
इससे पहले आज कांग्रेस सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि एंटी पार्टी एक्टीवीटी में लिप्त होने के आरोप में संजय निरुपम पर भी कार्रवाई हो सकती है। मुंबई कांग्रेस ने निरुपम पर कार्रवाई करने की मांग की है। मुंबई कांग्रेस की तरफ से बाकायदा निरुपम के खिलाफ एक रिपोर्ट भी दिल्ली आलाकमान को भेजा गया है।
निरुपम द्वारा लगातार कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी करना, महाविकास आघाडी की सहयोगी शिवसेना पर निशाना साधने से महाराष्ट्र कॉग्रेस के कई नेता नाराज हैं। मुंबई कांग्रेस का कहना हैं कि जल्द AICC निरुपम को पार्टी से निकालने पर फैसला ले सकती है।
कांग्रेस पार्टी के एक नेता ने बताया, "सचिन पायलट के प्रकरण के बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटि ने पार्टी विरोधी और अनुशासनहीनता के कार्यों में संलिप्त लोगों के खिलाफ ऐक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। ट्वीट करने वाले कुछ नेता भी AICC के राडार पर हैं।"
सचिन पायलट के मामले में भी संजय निरुपम ने उन्हें रोकने की अपील की थी। निरुपम ने कहा था कि अगर ऐसे ही एक-एक करके सभी लोग चले जाएंगे तो फिर पार्टी में बचेगा कौन? इसलिए यह ना सोचें कि जिसे जाना हो वो जाए, ऐसी सोच आज के संदर्भ में गलत है। सचिन पायलट को समझाएं और रोकें।
बता दें कि पार्टी ने अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने के आरोप में पायलट तथा दो मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंगलवार को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया था। वहीं संजय निरुपम ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मेरे हालिया बयान और ट्विट्स किसी भी तरह से पार्टी विरोधी गतिविधि का हिस्सा हैं।"
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