नई दिल्ली: एलएसी पर भारत और चीन की तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह अचानक लद्दाख दौरे पर पहुंचे। पीएम मोदी के लेह जाने के बारे में कुछ ही लोगों को पता थी। शुक्रवार सुबह जब प्रधानमंत्री मोदी लेह पहुंचे तभी लोगों को इसके बारे में पता चला। पहले सिर्फ इतनी जानकारी दी गई थी कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत ही लेह जा रहे हैं।
मोदी का यह दौरा चीन को संदेश भी है कि देश फौज के साथ खड़ा है। पीएम मोदी के साथ इस दौरे पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ एम एम नरवणे भी मौजूद हैं। शुक्रवार को लेह के लिए पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दौरा निर्धारित था लेकिन गुरुवार को अचानक उसे रद्द कर दिया गया था।
लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर सात सप्ताह से गतिरोध की स्थिति है। ऐसे समय में प्रधानमंत्री का यह दौरा सैनिकों का हौंसला बढ़ाने वाला होगा। प्रधानमंत्री के दौरे से पहले सेना प्रमुख जनरल एमएन नरवणे ने 23 और 24 जून को लद्दाख का दौरा किया था, जिस दौरान उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सिलसिलेवार बैठक की थी और पूर्वी लद्दाख में विभिन्न अग्रिम इलाकों में भी गये थे।
पिछले सात सप्ताह से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है। वहीं, 15 जून को गलवान घाटी में हुई एक हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद यह तनाव कई गुना बढ़ गया। झड़प में चीनी सैनिक भी हताहत हुए, लेकिन अभी तक चीन ने इस बारे में ब्योरा नहीं दिया है।
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