अयोध्या में राम मंदिर के भूमि के भूमि पूजन की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। प्रधानमंत्री 5 अगस्त को अयोध्या में भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। इस बीच अयोध्या से 800 किमी. दूर नागपुर में भी हलचल तेज हैं। यहां के आरएसएस मुख्यालय की मिट्टी को अयोध्या भेजा गया हैं। यह मिट्टी राम मंदिर के भूमिपूजन में काम आएगी। आरएसएस मुख्यालय से इस मिट्टी को स्पीड पोस्ट के माध्यम से अयोध्या भेज दिया गया है।
बताया जा रहा है कि RSS मुख्यालय की मिट्टी के अलावा विदर्भ के तीर्थ स्थलों से मिट्टी और पानी जमा कर कोरियर के माध्यम से अयोध्या भेज दिया गया है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने संघ मुख्यालय से मिट्टी एवं नागपुर जिले के रामटेक में श्री राम मंदिर गढ़ की मिट्टी एकत्र करके अयोध्या भेजा है। आरएसएस मुख्यालय की मिट्टी संघ के प्रांत संघचालक राम हरकरे ने विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री गोविंद शेंडे को सौंपी। यहां से मिट्टी जो अयोध्या भेजी गई है। यह मिट्टी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव रखते समय उपयोग में लाई जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में तीन या पांच अगस्त (दोनों शुभ तिथियां) को भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पांच फरवरी को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के प्रवक्ता महंत कमल नयन दास ने कहा, ‘‘हमने ग्रह नक्षत्रों की गणना के आधार पर प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए दो शुभ तिथियों- तीन और पांच अगस्त का सुझाव दिया है।’’
एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, उच्चतम न्यायालय के पिछले वर्ष नौ नवम्बर को फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ था। ट्रस्ट के सदस्यों की अयोध्या में शनिवार को हुई एक बैठक में मंदिर की आधारशिला रखने की संभावित तिथि के बारे में फैसला लिया गया।
25 नवंबर से 25 दिसंबर तक चलेगा चंदा अभियान
पेजावर मठ के स्वामी विश्वप्रसन्न तीर्थ ने कहा है कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी धन संग्रह अभियान चलाने का फैसला किया है। न्यास के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने यह कहा। उनके मुताबिक मंदिर निर्माण की अनुमानित लागत 300 करोड़ रूपये है जबकि मंदिर परिसर के इर्दगिर्द 20 एकड़ की भूमि के विकास के लिए 1,000 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी।
राम मंदिर के मॉडल में किया गया बदलाव
विश्व हिंदू परिषद् ने अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर का एक मॉडल बनवाया है। इस मॉडल के मुताबिक़ रामजन्मभूमि पर राम मंदिर बनाया जाएगा। राम मंदिर में नीचे प्लेटफॉर्म होगा और मंदिर दो मंज़िल का बनेगा। इस मंदिर की लम्बाई 268 फीट, चौड़ाई 140 फीट और ऊंचाई 128 फीट निर्धारित की गई थी लेकिन अब मंदिर की चौड़ाई बढ़ा दी गई है। मंदिर में अब तीन की जगह पांच गुम्बद होगा। मंदिर की ऊंचाई अब 161 फीट होगी। वहीं राम मंदिर में कुल 212 खम्भे होंगे। पहली मंजिल पर 106 खम्भे होंगे जिनकी ऊंचाई 16 फीट 6 इंच और दूसरी मंजिल पर 106 खम्भे होंगे जिनकी ऊंचाई 14 फीट 6 इंच होगी। हर पिलर में 16 मूर्तियां तराशी जाएंगी। मंदिर में दो चबूतरे होंगे। पहला चबूतरा 8 फीट ऊंचा और 10 फीट चौड़ा होगा। यह चबूतरा परिक्रमा मार्ग होगा। दूसरा चबूतरा 4 फीट 9 इंच होगा और उसके ऊपर पिलर लगेंगे।
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