माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने भाषा को सहज बानने के लिए अपने प्लेटफार्म से 'मास्टर', 'स्लेव' और 'ब्लैकलिस्ट' जैसे शब्दों को हटा दिया है। प्रोग्रामिंग कोड्स में ऐसे शब्दों का इस्तेमालदशकों से किया जा रहा है।
अमेरिका में पुलिस के हाथों हुई अश्वेत जार्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद अमेरिकी बैंक जेपी मॉर्गन ने भी इसी तरह का कदम उठाने की घोषणा की है, क्योंकि ज्यादातर कंपनियां नस्लवाद को संबोधित करती हैं। हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन टर्म्स को रिप्लेस करने में लाखों रुपए और कई महीनों का समय लग सकता है।
कोडिंग में किया जाता है मास्टर, स्लेव और ब्लैकलिस्ट जैसे टर्म का उपयोग
- प्रोग्रामिंग की भाषा में 'मास्टर' को कोड का मेन वर्जन कहा जाता है, जो स्लेव और उसके रेप्लिका को कंट्रोल करता है। वहीं 'ब्लैकलिस्ट' का उपयोग उन चीजों के लिए किया जाता है, जिसे ऑटोमैटिकली अस्वीकार कर दिया जाता है, आमतौर पर इसे संवेदनशील वेबसाइटों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
मास्टर को लीडर और स्लेव को फॉलोअर में बदलेगी कंपनी
- गुरुवार को ट्विटर के इंजीनियरिंग डिवीजन ने ट्वीट कर बताया कि हम भाषा को सहज बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। इसके तहत 'whitelist' को रिप्लेस कर 'allowlist' नाम दिया जाएगा जबकि 'master/slave' को 'leader/follower' में रिप्लेस किया जाएगा।
- पिछले महीने ट्विटर के संस्थापक जैक डोर्सी ने पूर्व एनएफएल खिलाड़ी कोलिन कापरनिक के नो योर राइट्स कैंप को अल्पसंख्यक समुदायों के मुक्ति और कल्याण को आगे बढ़ाने के लिए 3 मिलियन डॉलर यानी करीब 22.41 करोड़ रुपए दान दिए थे।
जेपी मॉर्गन ने भी इन शब्दों को बदलने का फैसला लिया
- जेपी मॉर्गन ने भी पुरानी कोडिंग टर्म को छोड़ने का फैसला लिया है, क्योकि ब्लैक लाइव्स मैटर अंदोलन की लहर कोरपोरेट वर्ल्ड के माध्यम से ही शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि कुछ शब्द उनकी टेक्नोलॉजी पॉलिसी और प्रोग्रामिंग कोड में दिखाई दिए थे।
GitHub भी कोडिंग लैंग्वेज से 'मास्टर' शब्द हटा रही है
- पिछले महीने सॉफ्टवेयर डेवलपर्स के लिए दुनिया की सबसे बड़ी साइट GitHub ने कहा कि वह अपनी कोडिंग भाषा से 'मास्टर' शब्द को बदलने पर काम कर रही थी। माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाली फर्म का उपयोग 5 करोड़ डेवलपर्स द्वारा कोडिंग प्रोजेक्ट्स को स्टोर और अपडेट करने के लिए किया जाता है।
गूगल ने भी डेवलपर्स से ब्लैकलिस्ट/व्हाइटलिस्ट शब्द यूज न करने को कहा
- गूगल के क्रोमियम वेब ब्राउज़र प्रोजेक्ट और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम ने डेवलपर्स को 'ब्लैकलिस्ट' और 'व्हाइटलिस्ट' शब्दों का उपयोग करने से बचने के लिए प्रोत्साहित किया है।
कई बड़े ब्रांड बने इस पहल का हिस्सा
- वैश्विक ब्रांड नस्लीय स्टीरियोटाइपिंग से बचने के लिए अपने प्रोडक्ट लोगो और नामों को भी ध्यान से देख रहे हैं। हाल के सप्ताहों में, कई प्रसिद्ध ब्रांडों ने कहा है कि वे अपनी ब्रांडिंग को बदल रहे हैं या समीक्षा कर रहे हैं इसमें क्वेकर ओट्स भी शामिल है, जो अपनी अंट जिमामा (Aunt Jemima) सिरप लाइन और खाद्य पदार्थों का नाम बदल रहा है।
- साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर नफरत फैलाने वाले पोस्ट से निपटने के लिए भी दबाव डाला जा रहा है, फेसबुक को स्टॉप हेट फॉर प्रॉफिट अभियान से बड़े स्तर पर विज्ञापनों के बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। फोर्ड, एडिडास, कोका कोला, यूनिलीवर और स्टारबक्स सभी ने अभियान में भाग लिया, जिसका उद्देश्य सामाजिक नेटवर्क पर हेटफुल कंटेंट को हटाना है।
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