Sunday, July 26, 2020

आतंकवादी संगठनों के पाकिस्तानी आकाओं के नाम अब भी काली सूची में शामिल नहीं: UN रिपोर्ट

आतंकवादी संगठनों के पाकिस्तानी आकाओं के नाम अब भी काली सूची में शामिल नहीं: UN रिपोर्ट Image Source : FILE

संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तानी नागरिक भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस), इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट- खुरासान (आईएसआईएल-के) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी संगठनों में नेतृत्व स्तर पर बने हुए हैं और इनमें से कई के नाम अब भी काली सूची में शामिल नहीं किए गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

‘आईएसआईएस, अल-कायदा और संबद्ध व्यक्तियों एवं संस्थाओं से संबंधित विश्लेषणात्मक सहायता एवं प्रतिबंध निगरानी टीम’ की 26वीं रिपोर्ट में कहा गया कि अफगान विशेष बलों ने देशव्यापी अभियान चलाए जिससे आईएसआईएल-के का मुखिया असलम फारुकी, उसके पूर्ववर्ती जिया उल हक और अन्य को गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा का रहने वाला फारुकी, काबुल के एक प्रमुख गुरुद्वारे पर हुए घातक आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें 25 सिख मारे गए थे। 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति ने उसका नाम काली सूची में नहीं डाला है। इसी तरह, हक भी एक पाकिस्तानी नागरिक है और वह भी काली सूची में नहीं है। ‘भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा’ (एक्यूआईएस) तालिबान के तहत अफगानिस्तान के निमरूज, हेलमंद और कंधार प्रांतों से काम करता है और इसका मौजूदा आका पाकिस्तान में जन्मा ओसामा महमूद है जिसे यूएनएससी प्रतिबंधों के तहत “सूचीबद्ध” नहीं किया गया है। महमूद ने असिम उमर की जगह ली थी। 

रिपोर्ट में कहा गया कि संगठन में बांग्लादेश, भारत, म्यामां और पाकिस्तान से 150 से 200 के बीच सदस्य हैं और खबरें हैं कि अपने पूर्व आका की मौत का बदला लेने के लिए वह क्षेत्र में जवाबी कार्रवाई की साजिश रच रहा है।” प्रतिबंध निगरानी टीम की रिपोर्ट में कहा गया कि, ‘‘अफगानिस्तान में मौजूद सबसे बड़ा आतंकवादी संगठन” तहरीक-ए-तालिबान है जिसकी अगुवाई आमिर नूर वली महसूद कर रहा है। टीटीपी सगरना बनने के दो साल से भी ज्यादा वक्त के बाद, यूएनएससी प्रतिबंध समिति ने पाकिस्तानी मूल के महसूद को इस माह वैश्विक आतंकवादी घोषित किया। 

महसूद का समर्थन उसके साथी कारी अमजद और टीटीपी प्रवक्ता मोहम्मद खुरासानी करते हैं और दोनों का ही नाम यूएनएससी प्रतिबंध समिति में शामिल नहीं है। यह दिखाता है कि पाकिस्तानी नागरिक आतंकवादी संगठनों में नेतृत्व के स्तर पर काम करते हैं और आतंकवादी संगठनों का पाकिस्तानी संबंध है। सदस्य राष्ट्रों के मुताबिक, अल-कायदा 12 अफगान प्रांतों में गुप्त रूप से सक्रिय है और इसका सरगना ऐमन अल-जवाहिरी देश में अड्डा डाले हुए है। 

निगरानी टीम का अनुमान है कि अफगानिस्तान में अल-कायदा लड़ाकों की कुल संख्या 400 से 600 के बीच है। नेतृत्व का हक्कानी नेटवर्क के साथ करीबी संपर्क है। फरवरी 2020 में, अल-जवाहिरी ने “जारी सहयोग पर चर्चा के लिए याहया हक्कानी के साथ मुलाकात की थी जो 2009 मध्य से अल-कायदा के साथ हक्कानी नेटवर्क का प्रारंभिक संपर्क है।”



from India TV Hindi: TopStory Feed https://ift.tt/39ss34B
via IFTTT

0 comments:

Post a Comment

Get Heavy Discounts

Get Heavy Discounts
Amazon Offers Available

Popular Posts

Recent Posts

Unordered List

Text Widget

Blog Archive