नई दिल्ली: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने के मौके पर इंडिया टीवी ने विशेष कार्यक्रम 'मंत्री सम्मेलन' का आयोजन किया जिसमें केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने बताया कि अर्थव्यवस्था की मजबूती बनाए रखने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं।
कोरोना वायरस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरे विश्व का संकट है, केवल हमारे देश पर आया ऐसा नहीं है और हम इसका सामना कर रहे हैं। जब तक कोरोना वायरस का वैक्सीन नहीं मिल जाता तब तक हमें कोरोना वायरस के साथ जीने की पद्धति को विकसित करना होगा। वैक्सीन जैसे ही बन जाएगी तो हमें कोई तकलीफ नहीं होगी। हमें मास्क लगाना होगा, लाइन में खड़ा होना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
इस दौरान उन्होंने लॉकडाउन पर सवाल उठाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। नितिन गडकरी ने कहा कि कोई भी फैसला पीएम मोदी ने अकेले नहीं लिया। लॉकडाउन पर हर फैसला राज्यों के सीएम से बात करके लिया गया और इस निर्णय में सभी लोग शामिल हैं। लोगों ने जो-जो सुझाव दिए उनके आधार पर काम किया इसलिए इस पर टीका टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा। इस समय हमारा संकट बहुत बड़ा है, हम सब को इसका मिलकर इसका सामना करना चाहिए और कोरोना से लड़ाई जीतनी चाहिए।
अर्थव्यवस्था की मजबूती बनाए रखने के सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा कि पीएम मोदी ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। देश ने देखा कि वित्त मंत्री रोज घोषणा करके सभी सेक्टरों में सुधार के रास्ते खोल दिये है। इसके बाद भी विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार को जान-बूझकर निशाने पर लेती रहती है। उन्होंने कहा कि संकट के समय में राजनीति नहीं होनी चाहिय।
नितिन गडकरनी ने कहा, “पीपीई किट को लेकर मैंने लोकल लोगों से कहा कि आप क्यों नहीं बनाते। उन्होंने बनाना शुरू किया तो 1200 रुपए की पीपीई किट देश में 650 की मिल रही है। 1200 का सैनेटाइजर अब 160 में बिक रहा है। अब इतना प्रोडक्शन होने लगा है कि मैंने पीयूष गोयल जी से बात की है कि इन्हें एक्सपोर्ट करना शुरू करो। अब भारत खुद बनाएगा, चीन से नहीं लाएगा।”
इस दौरान नितिन गडकरी ने माना है कि देश में प्रवासी मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि अब इन प्रवासी मजदूरों को समझना होगा कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें सभी उनके लिये मुश्किलों को कम करने में दिन-रात जुटे हुए है। उन्होंने भरोसा दिया कि जल्द ही सबकुछ सामान्य होगा तो काम धंधे भी शुरु होंगे।
उन्होंने कहा कि जो मजदूर अपने घर जाना चाहते है उन्हें पहुंचाया जाएगा लेकिन वे लोग पैदल न चलें। इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। किसी को भी डरने की जरुरत नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी ने लगातार प्रवासी मजदूरों के दुःख को लेकर अपनी पीड़ा जताई है।
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