नई दिल्ली। तबलीगी जमात के विदेशियों पर बड़ा खुलासा सामने आया है। तबलीगी जमात में आए सैकड़ों विदेशियों के पासपोर्ट गायब हैं। दिल्ली पुलिस के दस्तावेज के मुताबिक 943 में से उसे कुल 746 विदेशी पासपोर्ट या पहचान पत्र अब तक मिले हैं। इनमें 723 पासपोर्ट और 23 नेपाली पहचान पत्र शामिल हैं, यानी लगभग 197 पासपोर्ट बरामद नहीं हो सके। पुलिस इन दस्तावेजों की तलाश में लगातार पूछताछ और छापेमारी कर रही है। पूछताछ के दौरान जमात में आए विदेशी पुलिस के सामने अपने पासपोर्ट वीजा पेश नहीं कर पाए। पुलिस के मांगने पर वह दस्तावेज गायब होने या चोरी होने की कोई FIR भी नहीं दिखा सके। यदि यह पासपोर्ट वीजा दस्तावेज नहीं मिलते हैं तो इन विदेशियों के खिलाफ पासपोर्ट और इमीग्रेशन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हो सकता है।
हजरत निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज में गैरकानूनी रूप से शामिल होने के बाद देशभर में कोरोना वायरस फैलाने के आरोपों में घिरे विदेशी नागरिकों पर शिकंजा कसने लगा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आज बुधवार (27 मई) को भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 294 विदेशी नागरिकों के खिलाफ 15 चार्जशीट दाखिल की है। इन 15 चार्जशीट में 12-14 देश के 294 विदेशी तबलीगी जमाती आरोपी शामिल हैं। जिन देशों के नागरिकों को इन 15 चार्जशीट में क्राइम ब्रांच ने आरोपी बनाया है, उनमें अधिकांश आरोपी थाईलैंड, श्रीलंका, नेपाल, बंगलादेश, मलेशिया सहित बाकी तमाम अन्य अफ्रीकी देशों के हैं। इसमें सभी विदेशी नागरिकों पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बता दें कि इन सभी आरोपितों में से किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है।
इससे पहले मंगलवार को भी निजामुद्दीन बस्ती स्थित मरकज तबलीगी जमात कांड में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली की साकेत कोर्ट में 20 देशों के 85 विदेशी जमातियों के खिलाफ कुल 20 आरोप पत्र दायर किए गए थे।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा सूत्रों के मुताबिक, इन सभी आरोपियों ने वीजा कानून का उल्लंघन किया था। इसलिए सरकार ने इन सभी आरोपियों के वीजा रद्द करके इन्हें ब्लैकलिस्ट भी कर दिया था। आरोपियों के खिलाफ महामारी अधिनियम तोड़ने सहित अन्य तमाम गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज करके इन्हें मुलजिम बनाया गया है। आरोपियों पर चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि, इन्होंने देश में महामारी फैलाने जैसा कुकृत्य भी किया है। जिससे तमाम बेकसूर लोग प्रभावित हुए।
दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एक अधिकारी के मुताबिक, अगर हम इन आरोपियों पर आरोप अदालत में सिद्ध कर पाने में सफल रहे तो, इन सबको देश में महामारी फैलाने, धारा 144 तोड़ने के तहत कठोर सजा भी संभव है। तैयार की गयी चार्शशीट्स के मुताबिक, आरोपियों ने क्वारंटीन कानून का भी खुलकर उल्लंघन किया था।
क्राइम ब्रांच का कहना है मरकज मामले में करीब 80 फीसद जांच पूरी हो चुकी है। विदेशी जमातियों से पूछताछ कर आरोप पत्र दायर किया जा रहा है। मौलाना मुहम्मद साद के भी तमाम कर्मचारियों व अन्य से विस्तृत पूछताछ की जा चुकी है। लॉकडाउन के बाद पुलिस मुख्य केस में नामजद साद व प्रबंधन से जुड़े छह मौलाना समेत मरकज में सक्रिय भूमिका निभाने वाले करीब 15 अन्य को गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 31 मई 2020 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। उस वक्त मुख्य रुप से एफआईआर में मरकज तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना मो. साद कांधलवी और उनके 5-6 सहयोगियों को आरोपी बनाया गया था। तमाम नोटिस दिये जाने के बाद भी मगर किसी भी आरोपी ने क्राइम ब्रांच के सामने पेश होना मुनासिब नहीं समझा। दोनों तरफ से कागजी सवाल जबाब होते रहे। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने बीते मंगलवार (26 मई) को 20 चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी। इन सभी चार्जशीट में 82 विदेशी नागरिकों को मुलजिम बनाया गया था। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 31 मार्च को 34 देशों के करीब 943 विदेशी जमातियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
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