लाहौर। मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद के भारतीय मूल के वकील का निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। भारत में जन्मे अब्दुल्ला खान डोगर ने रविवार को एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। बंटवारे के बाद डोगर का परिवार भारत के उत्तर प्रदेश के रामपुर से पाकिस्तान चला गया था। वह लाहौर उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मामून राशिद शेख के ससुर थे। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।
डोगर कई वर्षों तक जमात-उद-दावा के प्रमुख के वकील रहे और 2008 मुम्बई आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी अदालतों में उन्होंने सईद के मामले की पैरवी की थी। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। वह आतंक वित्तपोषण मामलों में भी सईद के प्रमुख वकील थे। इस मामले में सईद को 11 साल की सजा सुनाई गई थी। डोगर ने पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ के तख्तापलट को 1999 में उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। इसके अलाव पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ उनकी पत्नी कुलसुम नवाज का केस भी लड़ा था।
कोरोना के चलते अनिश्चितकाल तक टली हाफिज सईद की सुनवाई
पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत ने आतंकी गतिविधियों के वित्त पोषण के चार मामले में मुंबई हमले के सरगना और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ सुनवाई कोरोना वायरस की महामारी के चलते अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है। हाफिज सईद संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी है और अमेरिका ने उसपर एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। फरवरी में यहां की अदालत ने आतंकी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण के दो मामलों में सईद को कुल 11 साल कैद की सजा सुनाई थी। 70 वर्षीय सईद को 17 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और मौजूदा समय में उसे उच्च सुरक्षा वाले कोट लखपत जेल में रखा गया है। अदालत के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, ‘‘लाहौर की आतंकवाद रोधी अदालत हाफिज सईद और जमात-उद-दावा के अन्य नेताओं के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के वित्तपोषण के चार मामलों की सुनवाई कोविड-19 के चलते एक महीने या उससे अधिक समय से नहीं कर रही है।’’ उन्होंने बताया कि अदालत ने मामले की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है और कोरोना वायरस का संकट खत्म होने के बाद दोबारा सुनवाई शुरू होने की उम्मीद हैं।
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