नई दिल्ली: कांग्रेस के कद्दावर नेता अहमद पटेल और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। संदेसरा ग्रुप के खिलाफ दर्ज बैंकिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की आंच अहमद पटेल तक पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम उनके घर पहुंची है। अहमद पटेल, सोनिया गांधी के करीबियों में एक हैं।
बताया जा रहा है कि संदेसरा भाइयों ने फर्जी कंपनियों के जरिए पीएनबी से भी बड़ा घोटाला किया है। ईडी का दावा है कि नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और दीप्ति संदेसरा ने मिलकर 14,500 करोड़ का घोटाला किया है। अगर नीरव मोदी की बात करें तो उसने करीब 11 हजार करोड़ का घोटाला किया था।
सीबीआई ने 2017 में 5,838 करोड़ के घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी। 2019 में संदेसरा के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गई थी और 9 हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी। जब जांच की दिशा आगे बढ़ी तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि इसमें कांग्रेस का एक वरिष्ठ नेता शामिल है जो 10 जनपथ से जुड़ा हुआ है।
स्टर्लिंग ग्रुप के एक डायरेक्टर से पूछताछ में अहमद पटेल और उनके दामाद पर खड़े हुए थे सवाल। आरोप था कि अहमद पटेल के दामाद इरफान सिद्दकी को संदेसरा बंधु रिश्वत में मोटी रकम देते हैं।
बताया गया कि अगर संदेसरा और गगन धवन कई बार पटेल के दामाद के घर रुपयों से भरे बैग लेकर जाते थे। चेतन संदेसरा अक्सर अहमद पटेल के सरकारी आवास (23, मदर क्रेसंट, नई दिल्ली) जाया करते थे और संदेसरा बंधु इसे कोड वर्ड में ‘हेडक्वॉर्टर 23’ बोलते थे।
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