मॉस्को: सीमा पर भले ही भारत और चीन के बीच समझौता हो गया लेकिन चीन इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है। लद्दाख में चीन शांति स्थापित करने की दुहाई दे रहा है, वहीं भारत को जब दूसरे देशों का समर्थन मिल रहा है तो उसे देखकर परेशान भी हो रहा है। चीन के सरकारी प्रॉपगैंडा अखबार पीपल्स डेली ने रूस को यहां तक नसीहत दे डाली है कि वो भारत को 'संवेदनशील' वक्त में हथियार न बेचे। इसके अलावा ग्लोबल टाइम्स की वो खबर भी फर्जी निकली, जिसमें दावा किया गया था कि चीन के रक्षा मंत्री से आज राजनाथ सिंह मॉस्को में मिलने वाले हैं।
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस में हैं जहां S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को जल्दी मुहैया कराने पर बातचीत हुई है। रुस से लिए गए सुखोई, मिग, टी-90 टैंक और सबमरीन को भी भारत अपडेट करना चाहता है और इस दौरे को चीन बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है और जब बर्दाश्त नहीं हुआ तो चीन अपना पुराना हथियार यानी प्रोपगैंडा करने लगा। प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए चीन सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है।
चीन की चालों का भंडाफोड़ हर बार हो जाता है और एक बार फिर से चीन के पिटे हुए प्यादों का खेल सामने आया है। सरकारी चीनी मुखपत्र पीपुल्स डेली आर्टिकल के जरिए रूसी सरकार को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। पीपुल्स डेली ने अपने फेसबुक पेज पर रूसी भाषा में एक मैसेज पोस्ट किया है जिसमें रूस को भारत को हथियार नहीं बेचने की सलाह दी गई है।
चीन की ओर से फेसबुक पर ये मैसेज ऐसे वक्त में आया है जब भारत 'इमरजेंसी खरीद' के तहत रूस से अधिग्रहण के माध्यम से सैन्य क्षमता को मजबूत करने पर विचार कर रहा है। भारत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर चीन के हर मुकाबले की तैयारी कर रहा है और यही देख कर चीन अब नई चालबाजियों में उलझा है।
चीनी अखबार ने 'सोसाइटी फॉर ओरिएंटल स्टडीज ऑफ रशिया' के एक फेसबुक ग्रुप पर एक मैसेज पोस्ट करते हुए लिखा, 'जैसा कि विशेषज्ञों का कहना है, अगर रूस, चीनी और भारतीयों के दिलों को नरम करना चाहता है, तो संवेदनशील माहौल में भारत को हथियार देना बेहतर नहीं होगा। दोनों एशियाई शक्तियां रूस की बहुत करीबी रणनीतिक साझेदार हैं।'
राजनाथ सिंह आज मॉस्को में विक्ट्री डे परेड में शामिल होंगे लेकिन चीन के रक्षा मंत्री से नहीं मिलेंगे। चीन के मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने ही ये खबर फैलाई थी कि चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंग मॉस्कों में राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे लेकिन ग्लोबल टाइम्स की ये खबर भी फर्जी निकली।
राजनाथ सिंह का रूस का ये दौरा भारत के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि इस दौरान भारत की ओर से रूस से जरूरी हथियारों की डिलीवरी जल्द करने को कहा गया है। भारत कोशिश करेगा कि जो ऑर्डर दिए गए हैं, उनकी डिलीवरी तुरंत हवाई मार्ग से की जाए ताकि जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल हो सके।
भारत के कड़े तेवर देखकर चीन परेशान है इसलिए एक बार फिर से प्रोपगेंडा फैलाने के लिए चीनी अखबर पीपुल्स डेली का सहारा ले रहा है। चीन की कम्युनिस्ट सरकार जो कहना चाहती है वो सीधे-सीधे कहने की कुव्वत ना रखकर इस पीपुल्स डेली के जरिए कहती है।
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