Friday, June 12, 2020

चीनी मीडिया की धमकी, चीन की दोस्ती छोड़ अमेरिका के संग गया भारत तो चुकानी होगी बड़ी कीमत

लद्दाख में जारी तनाव को कम करने की कोशिशों के बीच चीन की सरकारी मीडिया ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है। Image Source : AP FILE

बीजिंग: लद्दाख में जारी तनाव को कम करने की कोशिशों के बीच चीन की सरकारी मीडिया ने एक बार फिर भारत को धमकी दी है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत अपनी गुटनिरपेक्षता की नीति का पालन करे और अमेरिका से दूर रहे। चीनी अखबार ने चेतावनी दी कि अगर भारत चीन का विरोध करने के लिए अमेरिका के साथ गया तो चीन अपने हितों की रक्षा करने से हिचकेगा नहीं, चाहे वे आर्थिक हित हों या राजनीतिक। अखबार ने कहा कि चीन की दोस्ती को खोना भारत के लिए महंगा सौदा होगा।

‘दोनों के हित में है तनाव का कम होना’

ग्लोदबल टाइम्सम ने चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ताह हुआ चुनयिंग के हवाले से कहा कि चीन और भारत ने दोनों पक्षों के बीच बनी आम सहमति के बाद सीमा पर तनाव कम करने के लिए कदम उठाए हैं। इसने कहा कि कुछ विश्लेबषकों ने आधिकारिक बयान की तारीफ की है जो इस बात का साफ इशारा है कि दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध कम हो रहा है। अखबार ने लिखा कि सीमा पर कुछ हद तक तनाव कम होने से दोनों देशों के बीच भविष्य  में आर्थिक और व्या पारिक आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा, जो दोनों ही देशों के पक्षों के हित में है।

‘दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के संकेत’
ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में आगे लिखा, 'यदि सीमा पर तनाव बना रहता या सबसे खराब स्थिति में संघर्ष में बदलता तो भारत-चीन संबंधों में आगे बढ़ने के लिए कुछ खास नहीं बचता। अगर राजनीति का अर्थव्यावस्थाम और बिजनस पर असर देखें तो द्विपक्षीय व्याीपार निस्संरदेह प्रभावित होता क्योंअकि भारत में चीन विरोधी भावनाएं प्रबल हो रही हैं। अब तक ऐसा लगता है कि सबकुछ सकारात्मकक दिशा में आगे बढ़ता दिख रहा है जो सीमा पर तनाव के कम होने का संकेत दे रहा है।'

‘टिड्डों पर अपना ध्यान लगाए भारत’
चीनी अखबार ने भारत सरकार को नसीहत दी कि वह कोरोना वायरस और टिड्डों के हमले पर अपना ध्यान लगाए। अखबार ने अपने संपादकीय में कहा कि लॉकडाउन के बाद भी भारत कोरोना वायरस को रोकने में असफल रहा और यह अब फैलता जा रहा है। इसने लिखा कि भारत में लॉकडाउन से अर्थव्य वस्था  की हालत खराब है और शहरी बेरोजगारी दर मई में 27 प्रतिशत तक पहुंच गई। इस बीच टिड्डे भी भविष्य  में भारत में बड़ा हमला कर सकते हैं जिससे फूड सप्ला इ पर अतिरिक्त। भार पड़ेगा। भारत सरकार को इसे गंभीरतापूर्वक लेने की जरूरत है।

‘चीन की दोस्ती खोने की कीमत बहुत ज्यादा होगी’
ग्लोचबल टाइम्स ने अंत में लिखा, 'यदि मोदी सरकार चीन को अपने दोस्त के रूप में चुनती है तो चीन-भारत आर्थिक संबंध निश्चित रूप से और ज्या दा बढ़ेंगे। लेकिन यदि भारत चीन को कमजोर करने के लिए अमेरिका के साथ गया तो चीन भी अपने हितों की रक्षा के लिए हिचकेगा नहीं, फिर चाहे वे राजनीतिक हों या आर्थिक। भारत के लिए चीन की दोस्तीप को खोने की कीमत बहुत ज्याहदा होगी जिसे सह पाना उसके लिए काफी मुश्किल होगा।'



from India TV Hindi: TopStory Feed https://ift.tt/2B3Xl4p
via IFTTT

Related Posts:

0 comments:

Post a Comment

Get Heavy Discounts

Get Heavy Discounts
Amazon Offers Available

Popular Posts

Recent Posts

Unordered List

Text Widget

Blog Archive