नई दिल्ली: लद्दाख में एलएसी पर चीन से तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 22 जून को रूस की राजधानी मॉस्को जा सकते हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नाजी जर्मनी पर विजय हासिल करने की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रूस जा रहे हैं। भारतीय रक्षाकर्मी भी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। इस दौरान वहां चीनी नेता भी मौजूद रहेंगे लेकिन बताया जा रहा है कि राजनाथ सिंह इन शीर्ष चीनी नेताओं से मुलाकात नहीं करेंगे।
राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार और प्रत्येक सशस्त्र बल के एक शीर्ष अधिकारी होंगे। अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीनी नेताओं से मुलाकात न करके भारत चीन को घेरने की कोशिश कर रहा है।
खबर के मुताबिक, राजनाथ सिंह की रूस यात्रा लगभग पक्की है, लेकिन इसपर मुहर आज शाम तक ही लग पाएगी। दरअसल आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन से चल रहे टकराव पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
इस सर्वदलीय बैठक के लिए खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी प्रमुख राजनैतिक पार्टियों के और अध्यक्षों और प्रमुखों को फोन कर आमंत्रित किया है। खुद प्रधानमंत्री के कहने पर इस सर्वदलीय बैठक को बुलाया जा रहा है।
बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि पूर्व में शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता, तो दोनों पक्षों को हुए नुकसान से बचा जा सकता था। पूर्वी लद्दाख के पैंगॉन्ग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी इलाके में भारतीय और चीनी सेना के बीच गतिरोध चल रहा है।
पैंगॉन्ग सो सहित कई इलाके में चीनी सैन्यकर्मियों ने सीमा का अतिक्रमण किया है। भारतीय सेना ने चीनी सेना की इस कार्रवाई पर कड़ी आपत्ति जताई है और क्षेत्र में अमन-चैन के लिए तुरंत उससे पीछे हटने की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए पिछले कुछ दिनों में दोनों तरफ से कई बार बातचीत भी हुई है।
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