Wednesday, June 17, 2020

नेपाल के नए नक्शे के पीछे चीन की महिला राजदूत का 'दिमाग', ओली से होती रहती है मुलाकात

सूत्र बताते हैं कि नेपाल के नक्शे को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए चीनी राजदूत ने प्रधानमंत्री ओली को प्रेरित करने का काम किया है। Image Source : TWITTER.COM/PRCAMBNEPAL

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच उप-महाद्वीप में पैदा हुए भू-राजनीतिक तनाव के बीच नेपाल की चीन समर्थक सरकार देश के नए नक्शे को लेकर अपने रुख से पीछे हटने के मूड में नहीं है। भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों द्वारा बुधवार को मिली जानकारी के मुताबिक, नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली का नक्शे के मुद्दे पर अप्रत्याशित रुख के पीछे काठमांडू स्थित चीनी दूतावास की भूमिका एक 'प्रेरक कारक' है। सूत्रों का कहना है कि नेपाल के नक्शे को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए चीनी राजदूत ने प्रधानमंत्री ओली को प्रेरित करने का काम किया है।

‘नए नक्शे के पीछे चीनी राजदूत की कूटनीति’

गलवान घाटी में अभूतपूर्व भारत-चीन संघर्ष का समय और नेपाली प्रधानमंत्री ओली की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा कोई संयोग नहीं है। नई दिल्ली में खुफिया सूत्रों ने कहा कि हिमालयी गणराज्य नेपाल में युवा चीनी राजदूत होउ यानकी नेपाल की सीमा को फिर से परिभाषित किए जाने के लिए कॉमरेड ओली के कदम के पीछे एक प्रेरणादायक कारक रही हैं। यानी नेपाल जो भारत के उत्तराखंड राज्य के हिस्सों को अपने नक्शे में दर्शा रहा है, उसके पीछे चीनी राजदूत की ही कूटनीति और दिमाग काम कर रहा है।

‘ओली से लगातार होती रहती है मुलाकात’
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान में 3 साल तक काम कर चुकीं होउ का ओली के कार्यालय और निवास में लगातार आना-जाना लगा रहता है। इसके अलावा नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी का वह प्रतिनिधिमंडल, जो राजनीतिक मानचित्र को बदलने के लिए द्वितीय संविधान संशोधन विधेयक का मसौदा तैयार करने में सहायक था, वह चीनी राजदूत के संपर्क में था। बीजिंग के विदेश नीति के रणनीतिकारों के इशारे पर काम कर रही युवा चीनी राजदूत को नेपाल में सबसे शक्तिशाली विदेशी राजनयिकों में से एक माना जाता है।

Nepal Hou Yanqi, Nepal New Map, Nepal New Map China, Nepal New Map Hou Yanqi

चीनी दूतावास कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल की युवा शाखा के कुछ शीर्ष नेताओं के साथ भी संपर्क में रहा है। (twitter.com/PRCAmbNepal)

कम्युनिस्ट पार्टी के युवा नेताओं से भी मेलजोल
एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है, पाकिस्तान में सेवा करने के अलावा, वह चीन के विदेश मंत्रालय में एशियाई मामलों के विभाग में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रही थीं। यही नहीं, चीनी दूतावास कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल की युवा शाखा के कुछ शीर्ष नेताओं के साथ भी संपर्क में रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के पास भारत-नेपाल सीमा पर वामपंथी पार्टी के युवा नेताओं ने धरना दिया था। बाद में लोगों के व्यापक समर्थन के लिए काठमांडू और अन्य शहरों में एक साथ विरोध प्रदर्शन किए गए।

नेपाल के कड़े विरोध के पीछे कम्युनिस्ट चीन
चीनी दूतावास की ओर से पीछे के दरवाजे से (बैक डोर) किए गए प्रयासों ने आखिरकार प्रधानमंत्री ओली के लिए मानचित्र बदलने के लिए जल्द ही एक विधेयक लाने का रास्ता साफ कर दिया। चीन का नाम लिए बिना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवने ने पहले ही संकेत दिया था कि भारत के उत्तराखंड में लिपुलेख र्दे के लिए नई लिंक रोड के खिलाफ नेपाल के कड़े विरोध के पीछे बीजिंग ही है।



from India TV Hindi: TopStory Feed https://ift.tt/2Y8U0u5
via IFTTT

Related Posts:

0 comments:

Post a Comment

Get Heavy Discounts

Get Heavy Discounts
Amazon Offers Available

Popular Posts

Recent Posts

Unordered List

Text Widget

Blog Archive