कोरोना महामारी के संकट के बीच दिल्ली सरकार की एक अहम कैबिनेट बैठक थोड़ी देर में शुरू होने जा रही है। सूत्रों के अनुसार यह बैठक 11 बजे से शुरू होने वाली है। माना जा रहा है कि दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कैबिनेट बैठक में कुछ बड़े फैसले लिए जाएंगे। कैबिनेट के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल करीब 1 बजे प्रेसवार्ता में पत्रकारों को संबोधित करेंगे।
सीएम ने किया एलएनजेपी का दौरा
दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मरीजों को राहत देने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। घर से दूर इलाज करा रहे मरीज अब अपने परिवार को लाइव देखने के साथ-साथ उनसे बात भी कर सकेंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोक नायक जय प्रकाश नारायण (LNJP) अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीज़ों के लिए वीडियो कॉल सुविधा लॉन्च की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मौके पर कहा कि LNJP अस्पताल को कोरोना के मरीज़ों का इलाज करते हुए 100दिन हो गए हैं। ये पहला अस्पताल था जिसे कोविड अस्पताल घोषित किया गया था। एक दिक्कत आ रही थी कि जब मरीज अंदर हैं तो बाहर रिश्तेदार उनसे बात नहीं कर पाते थे, आज वीडियो कांफ्रेंसिंग शुरू की है।
Live from LNJP Hospital | Today we are launching a video call facility for Corona patients admitted in LNJP thru which they can talk to their loved ones from outside the Corona wards https://t.co/cfAgTVPf6d
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 25, 2020
इलाज के लिए चिकित्सकों की कमी
राजधानी दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ायी जा रही है। वहीं कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सकों, नर्सों और अन्य पैरामेडिकल कर्मियों की कमी की शिकायतें आ रही हैं। निजी अस्पतालों का कहना है कि यह कमी इसलिए है क्योंकि कोरोना वायरस संबंधी जटिलताओं के इलाज के लिए विशेषज्ञों का अभाव है और इसलिए भी क्योंकि बड़ी संख्या में स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को पृथकवास में जाना पड़ा है। कई मेडिकल पेशेवरों ने संक्रमण के भय से या परिवार के दबाव के चलते नौकरियां छोड़ दीं जबकि अन्य ने अधिक पैसे और बीमा की मांग की है। हतोत्साहित कर्मचारी, सरकारी सहयोग नहीं मिलने, स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण, परिवारों की अपने परिजन को कोविड-19 वार्ड में काम करने देने को लेकर अनिच्छा, मरीजों द्वारा सरकारी अस्पतालों की तुलना में निजी अस्पतालों को अधिक तरजीह देना ऐसे कुछ कारणों में शामिल हैं जिससे राष्ट्रीय राजधानी में निजी अस्पताल कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहे हैं।
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