
वाशिंगटन: एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के संदर्भ में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने के इरादे से झड़प शुरू की। सीनेट में बहुमत के नेता मिच मैकोनेल ने बृहस्पतिवार को विदेश नीति पर सदन में कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि पीएलए ने जमीनी क्षेत्र हड़पने के मकसद से चीन और भारत के बीच 1962 में हुए युद्ध के बाद की सबसे हिंसक झड़प के लिए उकसाया।’’
गलवान घाटी क्षेत्र में सोमवार रात दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में एक कर्नल और 19 अन्य भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए। चीन के सरकारी मीडिया ने चीनी पक्ष में भी जवानों के हताहत होने की बात स्वीकार की है लेकिन संख्या नहीं बताई।
मैकोनेल ने कहा, ‘‘दुनिया को इससे अधिक स्पष्ट उदाहरण नहीं मिल सकता है कि चीन अपनी सीमा के भीतर लोगों से क्रूरता कर रहा है और दुनिया के नक्शे को पुन: तैयार करके अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को चुनौती दे रहा है और अपने हिसाब से उसे बदलने की कोशिश कर रहा है।’’
शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटर ने कहा कि ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ ने कोरोना वायरस महामारी का इस्तेमाल हांगकांग में अपने दमनकारी कदमों को छुपाने और क्षेत्र में अपना नियंत्रण एवं प्रभाव बढ़ाने के लिए किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘समुद्र में उसने जापान में सेनकाकु द्वीप के निकट कदम आगे बढ़ाए हैं। आसमान में, चीनी विमान विभिन्न समय पर ताइवानी वायुक्षेत्र में घुसे हैं।’’
इस बीच, सांसद जिम बैंक्स ने भारतीय दूरसंचार नेटवर्क से हुआवेई और जेडटीई को प्रतिबंधित करने के भारत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘भारत डरेगा नहीं। समझदारी से लिया गया मजबूत फैसला।’’
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