नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में हुई हिंसक झड़प का आरोप भारत पर लगाने के बाद अब चीन ने गलवान घाटी पर भी दावा भी ठोंक दिया। चीन के इस बेबुनियाद दावे पर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बुधवार देर रात इस बारे में देर रात कहा कि चीन का 'बढ़ा-चढ़ाकर किया गया' दावा दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति से उलट है। बता दें कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ताा झाओ लिजिन ने बुधवार को कहा था कि गलवान वैली 'हमेशा से ही' चीन का इलाका रहा है लेकिन वह 'और ज्याादा हिंसा' नहीं चाहता है।
भारत ने चीन को दिया करारा जवाब
गलवान घाटी को अपना बताने के चीन के दावे पर भारत ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'जैसे हमने आज पहले बताया था विदेश मंत्री, स्टेट काउंसिलर और चीन के विदेश मंत्री ने लद्दाख के मौजूदा हालात पर फोन पर बात की है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि हालात को जिम्मेदारी से संभालना होगा और 6 जून को सीनियर कमांडरों के बीच बनी सहमति को लागू करना होगा। बढ़ा-चढ़ाकर ऐसे अस्थिर दावे करना, इस सहमति के उलट है।'
जयशंकर और यी के बीच हुई थी बात
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की और दोनों नेताओं ने तनावपूर्ण स्थिति को यथासंभव जल्द से जल्द शांत करने और दोनों देशों के बीच हुए समझौते के अनुरूप सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने पर सहमति जताई। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात को चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़पों में 20 भारतीय जवानों के मारे जाने के बाद दोनों मंत्रियों की टेलीफोन पर बातचीत हुई थी।
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