भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर जारी तनाव के बीच अमेरिका ने अपने 3 न्युक्लियर युद्धक पोत प्रशांत महासागर में चीन की सीमा के नजदीक तैनात कर दिए हैं। यह पहली बार है जब अमेरिका ने अपने 11 न्यूक्लियर कैरियर स्ट्राइक ग्रुप में से 3 युद्धक पोतों को एक साथ प्रशांत महासागर में तैनात किया है। हालांकि अमेरिका ने इस तैनाती को दुनिया भर में किसी राजनीतिक घटनाक्रम से जोड़ने के लिए कहा है। लेकिन माना जा रहा है कि कोरोना वायरस और साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते दखल को रोकने के लिए अमेरिका ने यह तैनाती की है।
अमेरिका ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि इन तीन युद्ध पोतों की तैनाती हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और विकास को बनाए रखने के लिए किया गया है। इसका किसी भी राजनीतिक घटनाक्रम से कोई संबंध नहीं है। अमेरिकी नौसेना के अधिकारी ने बताया कि यह एक आम प्रक्रिया है। हिंद प्रशात महासागर में शांति बनाए रखने के लिए अमेरिका इस क्षेत्र में अपने युद्धक पोत तैनात रखता है।
अमेरिका पहले भी चीन को साउथ चाइना सी में आक्रामक व्यवहार को लेकर चेतावनी दे चुका है। अप्रैल में चीनी युद्धपोतों ने वियतनाम की एक मछली पकड़ने वाली नौका को साउथ चाइना सी में डुबा दिया था। चीन का आरोप था कि यह जहाज उसके इलाके में मछली पकड़ रहा था। बता दें कि इस क्षेत्र में चीन ने कई आर्टिफिशियल आइलैंड का निर्माण कर उसे मिलिट्री स्टेशन के रूप में विकसित किया है।
ये हैं 3 अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर
अमेरिका ने जिन तीन एयरक्राफ्ट कैरियर को प्रशांत महासागर में तैनात किया है वे यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट, यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन हैं। इनमें से यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट फिलीपीन सागर के गुआम के आस पास के इलाके में गश्त कर रहा है। वहीं, यूएसएस निमित्ज वेस्ट कोस्ट इलाके में और यूएसएस रोनाल्ड रीगन जापान के दक्षिण में फिलीपीन सागर तैनात है।
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