नई दिल्ली: बसपा सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा कोरोना संकट के दौरान अपने यहां के अस्पतालों को केवल दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित करने के फैसले की निंदा करते हुए केंद्र से इसमें हस्तक्षेप की मांग की है। मायावती ने सोमवार को एक ट्वीट में केजरीवाल सरकार पर हमला करते हुए कहा, "दिल्ली देश की राजधानी है। यहाँ पूरे देश से लोग अपने जरूरी कार्यों से आते रहते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अचानक बीमार पड़ जाता है तो उसको यह कहकर कि वह दिल्ली का नहीं है, दिल्ली सरकार क्या उसका इलाज नहीं होने देगी? यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण है।"
बसपा अध्यक्ष ने इस मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि केन्द्र को इसमें जरूर दखल देना चाहिये। गौरतलब है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने कोरोना संकट के दौरान सभी सरकारी तथा निजी अस्पतालों को दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया है।
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में अनलॉक-1 के तहत धार्मिक स्थल तथा कुछ अन्य प्रतिष्ठान खोले जाने के मद्देनजर लोगों को नियमों का सख्ती से पालन करने की सलाह भी दी।
उन्होंने कहा, "अनलॉक-1 के तहत आज से जो भी स्थल व बाजार आदि खोले जा रहे हैं वहाँ जाने के लिए लोगों को सरकारी नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिये। यदि बहुत जरूरी है, तभी वहाँ जाएं वरना जाने से बचें । बसपा की उनके हित में यही सलाह है।"
बता दें कि दिल्ली सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि दिल्ली के नागरिकों को इलाज कराने के लिए आईडी प्रूफ दिखाना होगा जिसके बाद ही दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले हॉस्पिटल और दिल्ली के प्राइवेट हॉस्पिटलों में सिर्फ दिल्ली के लोगों का इलाज होगा।
दिल्ली में बढ़ते कोरोना वायरस को लेकर चिंतित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ दिल्लीवासियों के इलाज का फैसला लिया है। केजरीवाल सरकार ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि इलाज कराने के लिए इन 7 आईडी प्रूफ डॉक्यूमेंट में से कोई एक को दिखाना अनिवार्य होगा, जिसके बाद इलाज की सुविधा मिलेगी।
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