Wednesday, June 3, 2020

Covid-19 समस्‍या को हल करने में नाकाम रही सरकार, राजीव बजाज ने राहुल गांधी के साथ चर्चा में कहा

India locked down is a draconian lockdown, says Rajiv Bajaj Image Source : GOOGLE

नई दिल्‍ली। बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक और मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी राजीव बजाज ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ मुख्य रूप से सनसनी इसलिए थी, क्योंकि विकसित देशों में समृद्ध लोग इससे प्रभावित थे और शायद भारत में लोगों ने सोचा कि अगर समृद्ध लोगों को ये हो सकता है, तो हम कहीं के नहीं रहे। दुर्भाग्य से, भारत ने न केवल पश्चिम की तरफ देखा, बल्कि पश्चिम की तरफ बहुत आगे बढ़ते चले गए। हमने कठिन लॉकडाउन लागू करने की कोशिश की, जो अभी भी कमजोर था। हम दोनों विकल्पों के बुरे परिणामों के बीच फंस गए। एक तरफ कमजोर लॉकडाउन यह सुनिश्चित करता है कि वायरस अभी भी मौजूद रहेगा। सरकार ने उस समस्या को हल नहीं किया है।

राजीव बजाज ने यह बात कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी के साथ ऑनलाइन चर्चा करते हुए कही। बजाज ने कहा कि नारायण मूर्ति जी हमेशा कहते हैं, जहाँ संदेह होता है, वहां खुलासा होता है। मुझे लगता है कि हमारे यहां खुलासा करने और सच्चाई के मामले में कमी रह गई।

लोगों में इतना बड़ा भय पैदा कर दिया है कि लोगों को लगता है कि यह बीमारी संक्रामक कैंसर या कुछ उसके जैसी है। और अब लोगों के दिमाग को बदलने और जीवन पटरी पर लाने और उन्हें वायरस के साथ सहज बनाने की नई नसीहत सरकार की तरफ से दी जा रही है। राजीव बजाज ने कहा कि मेरे विचार में ठीक वैसा किए जाने की जरूरत थी, जैसा हम जापान और स्वीडन से सुन रहे हैं। वे आंकड़ों को भूल रहे हैं, चाहे वह स्वच्छता हो, मास्क या डिस्टेंसिंग हो। स्वीडन, जापान इनका पालन कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि हमारी स्थिति को देखते हुए, यह पूरी तरह से अलग है। हमारे पास प्रवासी और दैनिक मजदूर हैं और किसी कारण से, हम पश्चिम की ओर देखते हैं तो, मेरे लिए दिलचस्प सवाल यह है कि हम अपने समाधान के लिए अपने भीतर क्यों नहीं देखते हैं। पश्चिम या पूर्व की ओर देखने के बजाय, हमने यह क्यों नहीं कहा कि हम आत्मविश्वास से भरपूर देश हैं, अपने आप को देखें और भारतीय समाधान के साथ सामने आएं। वह एक प्राकृतिक विकल्प क्यों नहीं बना? अब अगर आप देखते हैं कि लॉकडाउन के बाद क्या हुआ है और यही कारण है कि मैं इसे एक असफल लॉकडाउन कहता हूं, यहां लॉकडाउन खुलने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

राहुल गांधी ने कहा कि मैं कुछ विशेषज्ञों से बात कर रहा था और लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में ही, उनमें से एक ने मुझे जो कहा, वो प्रभावी था, उसने कहा, जिस पल एक पूर्ण लॉकडाउन लागू करते हो, तुम बीमारी की प्रकृति बदल रहे हो। आप इस गैर घातक बीमारी को लोगों के दिमाग में एक घातक बीमारी बना रहे हैं। एक बार जब आप ऐसा कर लेते हैं, तो उसे पलटने के लिए बहुत समय और प्रयास चाहिए। i

उन्होंने यह भी कहा कि लॉकडाउन को ऑन-ऑफ स्विच के रूप में न देखें। यह ऑन-ऑफ स्विच होने वाला नहीं है। एक बार जब आप लॉकडाउन में चले गए तो इसे फिर से खोलना आसान नहीं होगा। यह बेहद जटिल होने वाला है। राहुल गांधी ने राजीव बजाज से पूछा कि आपके अनुसार हम पश्चिम की ओर क्यों देखते हैं? राहुल गांधी ने कहा कि यह अचानक भी आया था। आपने जो कड़वी-मीठी वाली बात कही, वो मेरे लिए चौंकाने वाली है। देखिए, समृद्ध लोग इससे निपट सकते हैं। उनके पास घर है, आरामदायक माहौल है, लेकिन गरीब लोगों और प्रवासियों के लिए यह पूरी तरह से विनाशकारी है। गरीब लोगों और प्रवासियों ने वास्तव में आत्मविश्वास खो दिया है। काफ़ी लोगों ने बोला है कि भरोसा खो दिया है, भरोसा ही नहीं बचा और और मुझे लगता है कि यह बहुत दुखद और देश के लिए खतरनाक है।  



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