Wednesday, June 3, 2020

RBI ने 6 महीने की मोराटोरियम अवधि में ब्‍याज माफी को बताया गलत, बैंकों को होगा 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान

Interest waiver during loan moratorium will jeopardise banks’ stability, says RBI Image Source : GOOGLE

नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर वह कर्ज किस्त के भुगतान में राहत के हर संभव उपाय कर रहा है, लेकिन जबर्दस्ती ब्याज माफ करवाना उसे सही निर्णय नहीं लगता है क्योंकि इससे बैंकों की वित्तीय स्थिति बिगड़ सकती है और जिसका खामियाजा बैंक के जमाधारकों को भी भुगतना पड़ सकता है। आरबीआई ने कहा कि लोगों को 6 महीने तक ईएमआई अभी न देकर बाद में देने की छूट दी गई है, लेकिन इस अवधि का ब्याज भी नहीं लिया गया तो बैंकों को 2 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा।

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें मांग की गई है कि लॉकडाउन के दौरान लोन की किस्‍त के ब्याज में छूट मिलनी चाहिए। शीर्ष बैंक ने किस्त भुगतान पर रोक के दौरान ब्याज लगाने को चुनौती देने वाली याचकिा का जवाब देते हुए कहा कि उसका नियामकीय पैकेज, एक स्थगन, रोक की प्रकृति का है, इसे माफी अथवा इससे छूट के तौर पर नहीं माना जाना चाहिए।

रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों के बंद रहने के दौरान पहले तीन माह और उसके बाद फिर तीन माह और कर्जदारों को उनकी बैंक किस्त के भुगतान से राहत दी है। कर्ज की इन किस्तों का भुगतान 31 अगस्त के बाद किया जा सकेगा। इस दौरान किस्त नहीं चुकाने पर बैंक की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

रिजर्व बैंक ने शीर्ष अदालत में सौंपे हलफनामे में कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के बीच वह तमाम क्षेत्रों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव उपाय कर रहा है। लेकिन इसमें जबर्दस्ती बैंकों को ब्याज माफ करने के लिए कहना उसे सूजबूझ वाला कदम नहीं लगता है, क्योंकि इससे बैंकों की वित्तीय वहनीयता के समक्ष जोखिम खड़ा हो सकता है और उसके कारण जमाकर्ताओं के हितों को भी नुकसान पहुंच सकता है।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जहां तक उसे बैंकों के नियमन के प्राप्त अधिकार की बात है वह बैंकों में जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने को लेकर है, इसके लिए भी यह जरूरी है कि बैंक वित्तीय तौर पर मजबूत और मुनाफे में हों। शीर्ष अदालत ने 26 मई को केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक से रोक की अवधि के दौरान ब्याज की वसूली करने के खिलाफ दायर याचिका पर जवाब देने को कहा था। यह याचिका आगरा के निवासी गजेंद्र शर्मा ने दायर की है। इस मामले पर अब शुक्रवार को आगे की सुनवाई होगी।



from India TV Hindi: TopStory Feed https://ift.tt/302GYjf
via IFTTT

Related Posts:

0 comments:

Post a Comment

Get Heavy Discounts

Get Heavy Discounts
Amazon Offers Available

Popular Posts

Recent Posts

Unordered List

Text Widget

Blog Archive