Tuesday, June 9, 2020

लद्दाख में सीमा पर भारत-चीन की सेनाओं का आक्रामक रुख बरकरार, मेजर जनरल स्तर की बैठक आज

Tension prevail between India and China in Ladakh, another Maj Gen-level meet today Image Source : PTI

नयी दिल्ली: लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं का आक्रामक रुख बरकरार है और आने वाले कुछ दिनों में इस गतिरोध को खत्म करने का समाधान तलाशने के लिये बातचीत के कई दौर होंगे। इसी मुद्दे पर दोनों पक्ष आज एक और दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता करने वाले हैं। इस बीच दोनों देश की सेनाओं ने सीमा पर गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के अपने संकल्प को प्रदर्शित करते हुए पूर्वी लद्दाख के कुछ गश्त बिंदुओं से सांकेतिक वापसी के तौर पर अपने सैनिकों को वापस बुलाया है। वहीं, मामले के बारे में जानकारी रखने वालों ने जानकारी दी कि गलवान घाटी, पैंगोंग सो, दौलत बेग ओल्डी और डेमचोक जैसे इलाकों में दोनों सेनाओं में गतिरोध जारी है।

सैन्य सूत्रों ने कहा कि चीनी और भारतीय सेनाओं ने गलवान घाटी के दो गश्त क्षेत्रों 14, 15 और हॉट स्प्रिंग के एक गश्त क्षेत्र से अपने कुछ सैनिक वापस बुलाने शुरू किये हैं। चीनी पक्ष दोनों इलाकों में लगभग डेढ़ किलोमीटर तक पीछे हट गया है। हालांकि, सैनिकों की वापसी के संदर्भ में रक्षा मंत्रालय या विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस मामले पर चीन की तरफ से भी कोई जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रों ने कहा कि चीनी और भारतीय दोनों सेनाएं इन तीन इलाकों से कुछ सैनिकों को वापसी बुला रही हैं और अस्थायी ढांचों को हटा रही हैं।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि दोनों पक्षों में छह जून को हुई उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता के दौरान सांकेतिक वापसी के लिये सहमति बनी थी जिससे दोनों तरफ यह मामले के समाधान के लिये सकारात्मक संदेश जाए कि और इसे वास्तविक तरीके से सैनिकों की वापसी के तौर पर नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि गलवान घाटी इलाके में अब भी चीनी सैनिक बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जिसको लेकर भारत ने आपत्ति जताई थी।

भारतीय और चीनी सैनिकों में पैंगोंग सो इलाके में पांच मई को हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद से दोनों पक्ष वहां आमने-सामने थे और गतिरोध बरकरार था। यह 2017 के डोकलाम घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सैन्य गतिरोध बन रहा था। विवाद खत्म करने के लिए अपने पहले गंभीर प्रयास के तहत लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लियु लिन ने छह जून को व्यापक बातचीत की। इससे हालांकि कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका।

पिछले महीने के शुरू में जब गतिरोध शुरू हुआ तब भारतीय सैन्य नेतृत्व ने यह फैसला किया था कि भारतीय सैनिक पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के सभी विवादित क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के आक्रामक रवैये के खिलाफ दृढ़ रुख अपनाएंगे। सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा के अपने पिछले अड्डों पर तोप, युद्धक वाहन और भारी सैन्य उपकरण बढ़ाकर रणनीतिक साजोसामान का भंडारण बढ़ा रही है।

मौजूदा गतिरोध के शुरू होने की वजह पैंगोंग सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण का चीन द्वारा तीखा विरोध है। इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर चीन के विरोध को लेकर भी गतिरोध है। पैंगोंग सो में फिंगर क्षेत्र में सड़क को भारतीय जवानों के गश्त करने के लिहाज से अहम माना जाता है। भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीनी विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी किसी सीमावर्ती आधारभूत परियोजना को नहीं रोकेगा।



from India TV Hindi: TopStory Feed https://ift.tt/2Uw7dep
via IFTTT

0 comments:

Post a Comment

Get Heavy Discounts

Get Heavy Discounts
Amazon Offers Available

Popular Posts

Recent Posts

Unordered List

Text Widget

Blog Archive