वाशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जर्मनी से हजारों अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है। मीडिया में आई कई खबरों में यह जानकारी दी गई है। अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से वहां अपने सैनिकों की तैनाती करता रहा है और वर्तमान में जर्मनी में 34,500 अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।
वॉल स्ट्रीट जर्नल और वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक इस फैसले के बाद से जर्मनी में अमेरिकी सैनिकों की संख्या 25,000 तक सीमित हो सकती है। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि प्रशासन इस कदम पर बीते सितंबर से विचार कर रहा है और इसका जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है।
हाउस फॉरेन अफेयर्स समिति के अध्यक्ष एलियट एंजेल ने इसे बिना सोच-विचार के लिया गया फैसला बताया। वाशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक इस फैसले के बारे में जर्मनी को शुक्रवार तक भी सूचित नहीं किया गया था।
एलिएट एंजेल ने राष्ट्रपति के इस फैसले को लापरवाही से भरपूर बताया। उन्होंने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यह जानकर खुश होंगे कि अमेरिकी राष्ट्रपति यूरोप में रूरी आक्रामकता के खिलाफ खुद ही पीछे हट रहे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप व्यक्तिगत प्रतिशोध के कारण हमारे सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक को खत्म कर रहे हैं, जो इस बात की पुष्टि करता है कि उनके पास न तो नैतिक नेतृत्व है और न ही वह हमारे सहयोगियों का सम्मान करते हैं और न ही उन्हें हमारी राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा की समझ है।
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