नई दिल्ली: दिल्ली मेडिकल असोसिएशन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक बयान जारी कर निशाना साधा है। असोसिएशन ने अपने बयान में अरविंद केजरीवाल द्वारा अस्पतालों को धमकाने और डॉक्टरों को चेतावनी दिए जाने की निंदा की है। सीएम केजरीवाल ने शनिवार को कोरोना वायरस के मरीजों को बेड देने से मना करने या बेड की कालाबाजारी को लेकर अस्पतालों को चेतावनी दी थी। असोसिएशन ने कहा, ‘जिस तरह से मुख्यमंत्री ने कोरोना मरीजों की भर्ती और टेस्ट को लेकर डॉक्टरों को चेतावनी दी है और अस्पतालों को धमकाया है, उसकी दिल्ली मेडिकल असोसिएशन निंदा करता है।’
‘तारीफ की बजाय फरमान जारी कर रही सरकार’
असोसिएशन द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘महामारी के इस वक्त में जो डॉक्टर पिछले 2 महीनों से लगातार अपनी जान जोखिम में डालकर दिल्ली के लोगों की सेवा कर रहे हैं, वे अपने साथ हो रहे बर्ताव से अपमानित महसूस कर रहे हैं। अस्पताल स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं और कोविड एवं नॉन कोविड दोनों तरह के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। उन्हें दंडित किया जा रहा है और सरकार उनकी कोशिशों की तारीफ करने की बजाय रोज नए फरमान जारी कर रही है।’
‘अपनी क्षमता से ज्यादा काम कर रहे डॉक्टर’
असोसिएशन ने सर गंगाराम अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामले की भी निंदा की। बयान में असोसिएशन ने कहा, 'सर गंगाराम हॉस्पिटल और इसके डॉक्टरों ने पिछले कई दशकों में लाखों लोगों की जिंदगियां बचाई हैं, आज उसे धमकाया जा रहा है और दंडित किया जा रहा है। डीएमए स्वास्थ्यकर्मियों को इस तरह धमकाए जाने की निंदा करती है। दिल्ली के डॉक्टर महामारी के इस वक्त में पहले ही तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करते हुए अपनी क्षमता से ज्यादा काम कर रहे हैं और सरकार हेल्थ केयर सिस्टम्स पर अनावश्यक दबाव डाल रही है।'
सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ हुई थी FIR
बयान में असोसिएशन ने अपने पास 15,000 सदस्यों के समर्थन होने का दावा करते हुए एक समन्वय समिति बनाए जाने की मांग की है। इससे पहले दिल्ली सरकार ने निजी अस्पताल सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है। सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ सरकारी आदेश की अवहेलना का मामला दर्ज किया गया है।
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